Breaking News
Home / ग़ाज़ीपुर / मधुमेह रोग में गर्भावस्था के दौरान बढ़ जाता है खतरा- डॉ संध्या यादव वरिष्ठ प्रसूती एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ

मधुमेह रोग में गर्भावस्था के दौरान बढ़ जाता है खतरा- डॉ संध्या यादव वरिष्ठ प्रसूती एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ

गाजीपुर। अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ (आई डी एफ) लोगो में मधुमेह से उपजे जोखिम के बारे में बढ़ती चिंताओं के प्रति जागरूक करने के लिए पिछले दो दशकों से १४ नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैश्विक रूप से 1980 में १०८ मिलियन डायबिटीज के मरीज थे। २०१४ में इनकी संख्या ४२२ मिलियन हो गई।  1980 के मुकाबले 2014 में डायबिटीज पीड़ित महिलाओं की संख्या में 80 फीसद बढोतरी हुई है। (4.6 फीसद से 8.3 फीसद)। मधुमेह रोग का प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है लेकिन यदि मधुमेह रोग महिला में हो और खासतौर पर गर्भावस्था के दौरान हो तो इसकी गंभीरता और  बढ़ जाती है। गर्भकालिन मधुमेह उन महिलाओं को भी हो सकता है जिन्हे कभी मधुमेह की बीमारी ना रही हो। गर्भावस्था के दौरान दूसरी एवं तीसरी तिमाही में डाइबिटीज के होने का खतरा ज्यादा होता है। भारत में हर सात में से एक गर्भवती महिला को मधुमेह होने का खतरा रहता है। महिलाओं में गर्भकालिन मधुमेह होने का एक कारण महिला का वजन भी हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था दौरान वजन पर नियंत्रण रखना महत्वपूर्ण है। गर्भावधि में आहार विहार को नियंत्रित कर मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है। ऐसे कार्बोहाइड्रेट जिसमे साबुत अनाज और अपरिष्कृत अनाज एवं कम वसा वाले प्रोटीन का प्रयोग करें। अच्छे आहार के साथ चिकित्सक की सलाह से हल्के व्यायाम भी करने चाहिए। गर्भावधि मधुमेह स्वयं ठीक हो जाता है। यह जीवन भर चलने वाले टाइप १ एवं टाइप २ मधुमेह से भिन्न होता है।

[smartslider3 slider="4"]

About admin

Check Also

नंदगंज में 8 से 14 मई तक किया जायेगा श्री शिव महापुराण का आयोजन

गाजीपुर । नंदगंज बाजार स्थित साई मैरेज हाल आगामी  8 मई से 14 मई तक …