गाजीपुर। सैदपुर ब्लाक के बभनौली स्थित बिछुड़न नाथ महादेव धाम पर तीन दिवसीय सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग का महा रुद्राभिषेक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। आचार्य सोमेश परसाई ने वैदिक मंत्रोच्चार संग अंतिम दिन भारी संख्या में शिवभक्तों को गंगा मिट्टी से शिवलिंग बनाकर जलार्चन पूजन और श्रृंगार आरती कराया। व्यास मंच पर भगवान भोलेनाथ का दिव्य व आकर्षक भस्म आरती ने सबका मन मोह लिया। आचार्य ने लोगों से गुरु दक्षिणा में वृक्षारोपण, कन्यादान, गौसेवा और गंगा की स्वच्छता मांगा। आयोजक सुश्री लक्ष्मीमणि शास्त्री ने बताया कि विश्व कल्यानार्थ यह महा रुद्राभिषेक के आयोजन से सृष्टि के सभी जड़ चेतन, जीवजंतु सहित प्रकृति का मंगल होगा। महाशिवरात्रि का अवसर सारे सृष्टि के सृजन का स्त्रोत है। जहां शिव संहारक कहलाते हैं तो दूसरी ओर वे सबसे अधिक करुणामयी होने के साथ बहुत ही उदार दाता भी हैं। जो अपने पास आये सुर असुर सभी को इच्छित वरदान देते है। भगवान शिव पृथ्वी पर अपने निराकार साकार रूप में निवास कर रहे हैं। भगवान शिव सर्वव्यापक एवं सर्वशक्तिमान हैं। महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिवशंकर के प्रदोष तांडव नृत्य का महापर्व है। शिव प्रलय के पालनहार हैं और प्रलय के गर्भ में ही प्राणी का अंतिम कल्याण सन्निहित है। साध्वी नीलमणि शास्त्री ने कहा कि शिव अनादि अनंत, नित्य, निर्विकार, अज, सर्वोपरि तथा सनातन देव हैं। इनकी तुलना किसी अन्य देवता से हो ही नहीं सकती यहां तक कि सृष्टि की रचना करने वाले ब्रह्मा भी शिव की आराधना करते हैं। मंगलवार को महा शिवरात्रि पर्व पर काशी रंगमंच कला परिषद द्वारा शिवपार्वती विवाह की झांकी प्रस्तुत कर सीता स्वयंवर की लीला दर्शायी जाएगी। तीन दिवसीय रुद्राभिषेक कार्यक्रम का मंच संचालन विन्देश्वरी सिंह ने किया। अरुण प्रकाश सिंह, डॉ राघवेंद्र पाठक, हरिनारायण पांडेय, मनीष सिंह, शिवाजी मिश्रा, अवधेश यादव, रामभद्र पाठक, सतीश सिंह रहे।
