गाजीपुर। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से एतिहासिक भरत मिलाप का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसे जनसमूह श्रीराम भरत के मिलाप का नयनाभिराभ किया। जिस समय श्रीराम लक्ष्मण लंकापति रावण का वध करने के बाद लंका का राजपाठ विभिषण को देकर सीता लक्ष्मण सहित वानरी सेनाओं के साथ लंका से पुष्पक विमान से अयोध्या के लिए प्रस्थान करते है। रास्ते में भारद्वाज मुनि के आश्रम में विश्राम करते है, इसी दौरान श्रीराम हनुमान को आने का संदेश भेजते है। श्रीराम का संदेश लेकर हनुमान जी भरत के पास आते है। सूचना पाकर गुरू वशिष्ठ के साथ भरत शत्रुघ्न अपने बड़े भाई श्रीराम व लक्ष्मण से मिलने चल देते है। श्रीराम अपने भरत से मिलने को आतुर होते है। थोड़े दिनों में भरत जी भारद्वाज मुनि के आश्रम से दूर ही पर रथ से उतरकर श्रीराम को साष्टांग दण्डवत करते है। श्रीराम भरत को उठाकर अपने गले लगा लेते है। इस दौरान भरत शत्रुघ्न गुरू वशिष्ठ का शौभा यात्रा हरिशंकरी से शाम 8 बजे से शुरू होकर महाजन टोली, झुन्नुलाल चौराहा, आमघाट, महुआबाग होते हुए सकेलनाबाद 9 बजेे रात में पहुँचा। जहाँ रात 1 बजे भरत मिलाप का आयोजन किया गया। इसके बाद वापस पहाड़ खाँ के पोखरा स्थित श्रीराम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न का रथ मंदिर में पहुँचा। इस अवसर पर कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, प्रबन्धक विरेश राम वर्मा, उपप्रबन्धक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष रोहित कुमार अग्रवाल, मनोज कुमार तिवारी, रामसिंह यादव, विशम्भर नाथ गुप्ता आदि रहे।
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