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आजादी से आज तक दीनी और सियासी लीडरों की नीति से जहन्नम की जिंदगी जी रहा है पसमांदा मुस्लिम

ग़ाज़ीपुर। पसमांदा मुस्लिम महाज शाखा गाजीपुर की बैठक जमानिया क्षेत्र के जुनेदपुर गांव में चांद मोहम्मद अंसारी के विद्यालय पर हुई।वक्ताओं में बहुज पसमांदा पहल पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ0 इकबाल अंसारी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के दिनी और सियासी लीडरों ने सम्मान से वंचित एवं पेट की भूख से पीड़ित बहुसंख्यक पसमांदा मुस्लिम समाज के लिए ना कोई नीति निर्धारित की और ना ही कोई रोजी-रोटी का विकल्प दिया। उल्टा बहुसंख्यक पसमांदा मुस्लिम समाज को धर्मांध बनाया जिसका नतीजा यह हुआ कि पसमांदा मुस्लिम समाज ना घर का रहा, ना घाट का रहा। यह समाज आजादी से आज तक दीनी और सियासी लीडरों की नीति से जहन्नम की जिंदगी जी रहा है। पसमांदा मुस्लिम समाज को अंबेडकर के बताए रास्ते पर शिक्षित होना होगा, संगठित होना होगा और अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना होगा।प्रदेश अध्यक्ष रफीक अहमद अंसारी ने कहा कि अली अनवर अंसारी साहब ने जो पसमांदा मुस्लिम महाज बनाया और जिसको संचालित कर रहे हैं, वही सही मायने में पसमांदा मुस्लिम समाज का सच्चा हितैषी हैं। अली अनवर अंसारी को ही अपना पसमांदा लीडर मानना चाहिए और उनके बताए गए निर्देश के अनुसार ही चलना चाहिए। इसी में पसमांदा मुस्लिम समाज की भलाई है। बड़े दुख की बात है कि पसमांदा मुस्लिम समाज की लंबे समय से चल रही मांग थी कि मुस्लिम दलित और दलित ईसाइयों को भी अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किया। परन्तु केंद्र सरकार के न्याय सहकारिता मंत्रालय में सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा देकर इनकार कर दिया कि हम दलित मुसलमान और दलित ईसाइयों को इस सूची में शामिल नहीं करेंगे। इसको लेकर पसमांदा मुस्लिम समाज में घोर विरोध है। सरकार को इस मांग पर विचार करना चाहिए।अपने अध्यक्षीय भाषण में अध्यक्ष फैयाज अहमद शाह ने कहा कि जनता बहुत दिनों तक नाइंसाफी और जुल्म बर्दाश्त नहीं करेगी। मुस्लिम समाज भी तीन हिस्सों में बंटा हुआ है- अशराफ, अजलाफ़ और अरजाल। सवर्ण मुसलमान को अशराफ कहा जाता है और दलित पिछड़े मुसलमान को पसमांदा कहा जाता है। पसमांदा मुसलमान में जैसे-जैसे जागरूकता आ रही है। वह भी कुछ सचेत होने लगा है और एकता की कीमत पहचानने लगा है। अगर मुस्लिम की आबादी का 85% यही पसमांदा मुसलमान अपने सच्चे हितैषी को पहचान कर अपना कीमती मत देने लगेगा, तो देश-प्रदेश में उसी की सत्ता आनी है जिसको मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने जज्बाती मुद्दों में फंसा दिया है। वह अब अली अनवर साहब की अगुवाई में दीनी लीडरों की तिकड़म धीरे-धीरे ही सही समझने लगा हैं।इस बैठक में शमशाद अंसारी, फारूक अंसारी, अशफाक, अहमद अली, जाकिर हुसैन, अनवर अली, मनोज कुमार, रामदेनी राम, सोहन भारती, सगीर आदि उपस्थित थे। अध्यक्षता जिले के महाज अध्यक्ष फैयाज अहमद शाह ने किया। संचालन शमीम अंसारी ने किया।

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