गाज़ीपुर। साहित्य उन्नयन संघ द्वारा चोचकपुर मोड़, नन्दगंज स्थित उप कार्यालय पर ‘डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम’ सम्मान समारोह व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें कवियों ने अपनी रचना पाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महिला पी. जी. कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. शिव कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत कड़ी है। साहित्य के उत्थान के बिना एक आदर्श समाज का निर्माण मुश्किल है। साहित्य उन्नयन संघ के अध्यक्ष कवि दिलीप कुमार चौहान ‘बाग़ी’ ने माँ को सृष्टि की देवी बताते हुए कहा कि- ममता का आँचल वह भूलता नहीं दूध जिसमें छिपाकर पिलाई है माँ। वरिष्ठ कवि व साहित्य उन्नयन संघ के मुख्य संरक्षक धर्मदेव सिंह यादव ने कहा कि दीन दुखियों को भी निज सखा मानकर दे खुशी उनको उर से लगाते चलो।कवि कृष्णानन्द दुबे गोपाल जी ने यातायात सुरक्षा पर अति मार्मिक रचना प्रस्तुत की। युवा कवि रमाकांत यादव ने अपनी कविता लाख सोहरत और दौलत देदी हो ये जिंदगी फिर भी ज़िन्दा अंदर एक फ़कीर होना चाहिए सुनाकर उपस्थित लोगों में उत्साह भर दिया। कवि चेतन ‘ग्रामीण’ ने बिजली संकट पर सुंदर व्यंग पढ़ा। कवि रामअवध कुशवाहा ने ‘शब्द’ कविता के माध्यम से शब्दों की अहमियत बताते हुए कहा कि शब्द ही संसार है। संघ के महामंत्री कवि यशवंत यादव ने गाजीपुर को बलिदानी धरती बताया। सेंट जॉनस स्कूल की कक्षा – एक की छात्रा बाल कवियित्री नंदिता ने माँ पर एक अति मार्मिक कविता पढ़ते हुए खूब वाहवाही बटोरी। नंदगंज इकाई प्रमुख सुजीत ‘सरल’ ने आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम देश के युवा वर्ग को साहित्य से सीधे जोड़ने का कार्य करते हैं। मुकेश श्रीवास्तव, शिवकुमार एवं अफताब अहमद द्वारा भी विचार प्रकट किए गए। कार्यक्रम का संचालन संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार चौहान ‘बाग़ी’ ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि धर्मदेव सिंह यादव एवं कार्यक्रम का आयोजन प्रधानाध्यापक अमरनाथ यादव जी ने की। इस अवसर पर कवियों को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। उक्त कार्यक्रम में क्षेत्र के दर्जनों वरिष्ठ जन उपस्थित रहे।
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