गाजीपुर। शहर के रौजा स्थित गाजी मियां की बाग में कास्तकारी की जमीन को कुछ लोग जबरदस्ती कब्रिस्तान व वक्फ की जमीन घोषित कर मामले को साम्प्रदायिक रुप देने के लिए षड़यंत्र रच रहे हैं। यह बात आज पत्रकार वार्ता में वारिस पुत्र नजीर खां, जमाल पुत्र इस्तेहाक खां, अली अहमद उर्फ पप्पू पुत्र मुस्ताक खां, रवि अहमद पुत्र शमीम अहमद निवासी रदजेपुर देहाती ने बतायी। उन्होने बताया कि रजदेपुर देहाती आराजी नम्बर 181 हमारी कास्तकारी पुस्तैनी की जमीन लगभग छह बीघा, 16 बिस्वा है। इसपर हमारे पूर्वजों का नाम 1880 से चला आ रहा है। जो आज भी तहसील के रिकार्ड में दर्ज है। कुछ दबंग किस्म के षड़यंत्रकारी लोग हमारी जमीन को हड़पना चाहते हैं और इसीलिए इस जमीन को वक्फ और कब्रिस्तान की फर्जी जमीन बताकर अफवाह फैला रहे हैं और हमको धमकी देकर बड़ी रकम वसूलना चाहते हैं। उन्होने कहा कि तहसील के सारे रिकार्ड में हमारे पूर्वजों का नाम है और कहीं से भी यह वक्फ की जमीन नही है क्योंकि वक्फ की जमीन रहती तो विरोधी बतायें कि किसने यह जमीन दान दिया है और कब्रिस्तान की जमीन रहती तो तहसील के रिकार्ड में कब्रिस्तान क्यों नहीं लिखा है। दो-तीन दिन पहले विरोधियों ने हम लोगों पर हमला किया। इसके बाद हमलोगों ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने दोनों पक्षों को कागज लेकर कोतवाली में बुलाया लेकिन वह लोग नही गये। और हम अपना कागजात लेकर कोतवाली में इंतेजार करते रह गये। वारिस आदि ने प्रशासन से मांग किया है कि हमारी जमीन को वापस दिलायी जाये और दबंगों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।
