ग़ाज़ीपुर। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि देवकली और करंडा ब्लॉक में कार्यरत अधिकांश आशा बहुएं कमीशन के चक्कर निजी अस्पतालों और निजी नर्सिंग होम में गांव की गर्भवती महिलाओं को बहला फुसला कर प्रसव करवा रही हैं। जबकि सरकार गांवों में आशा बहुओं की नियुक्ति इसलिए की है कि गांव की गर्भवती महिलाओं को अपने साथ लाकर मातृ शिशु केंद्र पर ले जाकर प्रसव कराए जिससे गांव की गरीब महिलाओं के पैसे की बचत हो सके।लेकिन क्षेत्र में चल रहे निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में कमीशन के चक्कर में प्रसव करा रही है। इतना ही नहीं जब गांव की महिला गर्भवती होती है तो शुरू से ही निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में इलाज कराती है।जिससे निजी अस्पताल संचालक उन्हें भारी कमीशन देते है। जिससे उन महिलाओं को ज़्याद रुपए का भार सहन करना पड़ता हैं। क्षेत्र के लोगो ने इस कमीशन के धंधे मे लिप्त आशा बहुओं के विरुद्ध जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है।ताकि गांव की गर्भवती महिलाओं के पैसे की बचत हो सके और सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधा का लाभ उठा सके।
