गाजीपुर।शहीदे आजम सरदार भगत सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर भगत सिंह के सपनो का भारत विषयक गोष्ठी भारद्वाज भवन पर संपन्न हुई। विषय प्रवेश करते हुए डॉक्टर राम बदन सिंह ने कहा की स्वाधीनता आंदोलन के दौर में भगत सिंह ही ऐसे क्रांतिकारी योद्धा थे जिन्होंने साफ तौर पर अपनी विचारधारा को स्पष्ट करते हुए कहा कि अंग्रेज भारत से तो चले जायँ ।इसके बाद देश में शोषण विहीन, समता मुलक, समाजवादी समाज कि स्थापना हो। गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए अन्य वक्ताओं ने कहा कि उनके सपनो का भारत नही बना।भगत सिंह,राजगुरु,सुखदेव सिंह और उनके साथियो ने अपने क्रांतिकारी संघर्षो से देश नवजवानो में क्रांतकारी भावना प्रज्वलित कर दिया था। एक समय आया कि आजादी की जंग में एक नया जोश भर गया। इतना ही नहीं समाजवादी,धर्मनिरपेक्षता,लोकतंत्र की विचारधारा मजबूत हो गयी। न्यायालय मे मुकदमे के ट्रायल में भगत सिंह ने कहा कि क्रांति से अभिप्राय बम पिस्तौल कि उपासना नही है बल्कि प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष रूप से हो रहे शोषण को समाप्त करना है ।क्रांति कि धार विचारों कि शान पर तेज होती है।आज के दौर में भगत सिंह की प्रासंगिकता ज्याद बढ़ गई है। आज देशवासियों को सभी समस्याओ से तभी मुक्ति मिलेगी जब हम भगत सिंह के रास्ते को अंगीकार करे और संघर्ष को तेज करते हुए आगे बढ़े।यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी और उनके सपनो का भारत बन सकेगा।प्रमुख रूप से रामनगीना कुशवाहा,डॉक्टर श्रीकांत पाण्डेय, कनहीं राम प्रजापति, फरीद आलम,संतोष सिंह, रामबिलास यादव, पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, जनार्दन राम,अशोक मिश्रा, रामशंकर सिंह,शौकत अली,ईश्वरलाल गुप्ता,राम अवध, सुरेंद्र राम आदि ने विचार प्रगट किया।अध्यक्षता डॉक्टर इक़बाल अंसारी एवं संचालन अमेरिका सिंह यादव ने किया।
