शिवकुमार
गाजीपुर। यूपी बोर्ड की परीक्षा को लेकर आठ साल पहले गाजीपुर जिला सुर्खियो में रहता था। गाजीपुर उस समय यूपी बोर्ड की परीक्षा नकल माफियाओ द्वारा नकल कराने और अप्रवासी परीक्षार्थियो को लेकर पूरे देश में सुर्खियो में रहता था लेकिन योगी सरकार के कार्यकाल शुरू होते ही नकल पर नकेल लगनी शुरू हो गयी। परीक्षा के नियमो में व्यापक परिवर्तन किये गये जिसके चलते नकल माफियाओ का काकस टूट गया और अप्रवासी परिक्षार्थियो का दूसरे प्रदेश से आकर परीक्षा देने का भी करोड़ो का धंधा समाप्त हो गया। आठ साल पहले परीक्षार्थियो की संख्या हमेशा लगभग 5 लाख या उसके ऊपर होती थी लेकिन अब उसकी संख्या 2025 में घटकर 144372 हो गयी है। नये कानून के भय से नकल माफिया अपनी दुकान बंद कर लिये है। जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्रा ने पूर्वांचल न्यूज डॉट काम को बताया कि कड़े कानून और बोर्ड की परीक्षाओ में नकल पर एकदम रोक के चलते यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियो में भारी कमी हुई है। नये कानून में दस वर्ष की सजा के साथ-साथ रासुका और एक करोड़ रूपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। जिसके चलते बाहरी छात्रो का जनपद में आना एकदम बंद हो गया है अब वास्तविक ही संख्या रह गयी है। माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष शिवकुमार सिंह ने बताया कि नकल पर लगी लगाम और कड़े कानून के चलते नकल माफियाओ का कमर टूट गया है। अब वित्तविहीन स्कूल वालो पर पूरी तरह से लगाम लगी हुई है। जिसके चलते अप्रवासी छात्र-छात्राओ का जनपद में आना एकदम बंद हो गया है। नकल माफियाओ और उनके एजेंट भी अपनी दुकान बंद कर चुके है, जिसके चलते परीक्षार्थियो के संख्या में काफी कमी हुई है। उनहोने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।