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हम इच्छाओं के गुलाम हैं जो हमारी उन्नति में बाधक है- जितेंद्रनाथ राय

गाजीपुर। श्री रामचंद्र मिशन के अंतर्गत हार्टफुलनेस मेडिटेशन सेंटर के जिला प्रभारी जितेंद्रनाथ राय ने बताया कि पिछले एपि‍सोड में श्री रामचंद्र मिशन के अंतर्गत हार्टफुलनेस मेडिटेशन पद्धति के बारे में ध्यान और सफाई विषय पर चर्चा हुई थी और प्रार्थना के बारे में चर्चा करना बहुत ही जरूरी है क्योंकि यह पद्धति के अंतर्गत बहुत महत्वपूर्ण विषय है इस इस पद्धति में मार्गदर्शकों द्वारा बताया गया है कि यह प्रार्थना सोते वक्त की जाती है और सोने से पहले यह स्रोत से जुड़ने का माध्यम होती है ..इसमें 10 मिनट लग सकते हैं इसे एक बार सुबह ध्यान से पहले भी किया जाता है शब्दों के वास्तविक अर्थ का 10 मिनट ध्यान करें शब्दों का विश्लेषण करने की बजाय उन्हें अपने हृदय में  प्रतिध्वनि होता हुआ महसूस करें.. अर्थ को भीतर से प्रकट होने दें इसी में खो जाने का प्रयास करें शब्दों से पार चले जाएं और एहसास को प्रकट होने दें सोते समय आराम से बैठे हल्के से अपनी आंखें बंद करें और रिलैक्स हो जाए खामोशी से धीरे-धीरे यह प्रार्थना  मन ही  मन कहे की…. हे नाथ तू ही मनुष्य जीवन का वास्तविक लक्ष्य है…  हम अपनी इच्छाओं के गुलाम है… जो हमारी उन्नति में बाधक है। तू ही एकमात्र ईश्वर एवं शक्ति है जो हमें उसे लक्ष्य तक ले चल सकता है। अब इन शब्दों को चुपचाप दोहराएं और उनके एहसास में और गहरे उतर जाए शब्दों से दूर स्वयं को एक एहसास में डूब जाने दे सोते-सोते इस प्रार्थना पूर्ण ध्यान में स्वयं को पिघल जाने दें.. सुबह हार्टफुलनेस ध्यान शुरू करने से पहले पुनः आंतरिक रूप से यह प्रार्थना करके स्वयं को पुनः जोड़ लें यह स्वाभाविक है कि हम प्रार्थना में अपनी तकलीफों को व्यक्त भी व्यक्त करें मगर हमें अपने खुशियों को भी तो वैसा ही बांटना चाहिए.. ईश्वर से विनम्रता एवं समर्पित भाव से हर समय जुड़े रहना प्रार्थना पूर्ण अवस्था में प्रवेश करना होता है. यही प्रार्थना पूर्ण भाव एक गहरे ध्यान की अवस्था को बनता है जो हर संबंध से आगे निकल जाता है और हम असीम समीपता की ओर बढ़ने लगते हैं और यहां तक की एकात्मकता की ओर भी प्रार्थना असीम कृतज्ञता की एक अभिव्यक्ति होती है… यदि नियमित रूप से सुबह ध्यान  शाम की की सफाई और रात्रि को प्रार्थना होती है  तो निश्चित रूप से हमारे जीवन में आमूल चूल परिवर्तन आता है और हम हर  परिस्थितियों  में अपने को संभाल करके संतुलित रख पाते हैं शांतिपूर्ण तरीके से जी पाते हैं अब अगले चरण में ध्यान सफाई प्रार्थना के अंतर्गत साधना को आगे बढ़ाने के लिए क्या करें इस विषय पर चर्चा शुरू की जाएगी।

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