शिवकुमार
गाजीपुर। जरायम और राजनीति के दुनिया में लगभग चार दशकों तक अपना साम्राज्य चलाने के बाद डॉन मुख्तार अंसारी अब काली बाग के कब्रिस्तान में चीर निद्रा में सो गये हैं। अब सियासत की गलियारों में चर्चा हो रही है कि डॉन का वारिस कौन? मुख्तार अंसारी के दो बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी हैं। अब्बास अंसारी ने पढ़ाई के साथ-साथ स्पोर्ट्स में भी ख्याति अर्जित की। वह अंतराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज हैं, उन्होने कई अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में भाग लिया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में वह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर मऊ विधानसभा से लगभग 50 हजार मतों से चुनाव जीतकर विधायक चुने गये। इसके बाद उत्तर प्रदेश की सत्ता बदली और राजपाठ बदलने के साथ ही अब्बास अंसारी पर अबतक लगभग डेढ़ दर्जन अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह कासगंज के जेल में अभी बंद हैं। कोर्ट ने उन्हे पिता मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पेरोल नही दिया। मुख्तार अंसारी और अब्बास अंसारी के जेल में जाने के बाद छोटे बेटे उमर अंसारी ने बड़े परिश्रम के साथ पिता और बड़े भाई के राजनीतिक विरासत को संभाला। उमर अंसारी ने कोर्ट कचहरी के कामों को निपटाने के बाद मऊ विधानसभा की जनता की सेवा में भी जुटे रहे। हालाकि कई मुकदमों में भी वह आरोपी बनाये गये और सुप्रीम कोर्ट के जमानत पर अभी बाहर हैं। मुख्तार अंसारी के जनाजे में अंतिम समय अपने पिता के मुंछ को ताव देकर उमर अंसारी ने सियासत जगत में एक संदेश दिया है कि डॉन का शरीर भले ही सुपुर्द-ए-खाक हो गया है लेकिन उसकी रुह अभी भी अंसारी परिवार में जिंदा है। अब देखना है कि दोनों भाई अब डॉन की विरासत को किस तरह संभालते हैं या कोर्ट कचहरी और दुनिया के राजनीति के चक्कर में पड़कर हासिए पर आ जाते हैं।