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माता अनुसुइया, अत्रि मिलन विराज वध का मंचन देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

गाजीपुर। अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के तत्वाधान में नगर के वेदपुरवा मुहल्ला स्थित राजा शम्भूनाथ के बाग में वन्दे वाणी विनायकौ आदर्श श्री रामलीला मण्डल के द्वारा 9वें दिन 18 अक्टूबर बुधवार का शाम 7 बजे माता अनुसूइया संवाद, अत्रि मिलन विराज वध लीला के प्रसंग का मंचन किया गया। लीला का शुरूआत अति प्राचीन रामलीला कमेटी हरिशंकरी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, उपमंत्री पण्डित लवकुमार त्रिवेदी उर्फ बड़े महाराज, प्रबन्धक विरेश राम वर्मा, उपप्रबन्धक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल एडवोकेट द्वारा भगवान श्रीराम की आरती करके लीला का मंचन शुरू किया गया। लीला के प्रसंग में दर्शाया गया हैं कि श्रीराम वनवास के दौरान सीता लक्ष्मण व निषाद राज के साथ जंगल पर्वतो को पार करते हुए अत्रि ऋषि के आश्रम पहुँचते है। जहाँ अत्रि ऋषि तपस्या में लीन थे, उधर श्रीराम चन्द्र जी उनके कुटियों में जाकर ध्यान से जगाते है। अत्रि मुनि तपस्या से बाहर निकलते है तो सीताराम लक्ष्मण का दर्शन करके भाव विभोर होकर यथोचित आसन देकर नमामि भक्त वत्सलंम कृपाल शील कोमलम भजामिते पदाभुजम् अनामिका स्वधाधकम श्लोक का स्तुति करते है भगवान श्रीराम स्तुति सुनकर अपना दर्शन देते है और कहते है हे ऋषिवर आप मुझे आशीर्वाद दे, जिससे पृथ्वी को राक्षसो से विहीन कर दूं, इस प्रकार सुनकर अत्रि ऋषि प्रसन्न हो करके श्रीराम को कन्द मूल पर भेट देते हुए उन्हें आशीर्वाद देते है कि हे राम जिस उद्देश्य से आप वन में आये है ईश्वर आपके उद्देश्य को पूर्ण करें। उधर माता अनुसूइया सीता जी को अपने आश्रम में ले जाकर पति व्रत धर्म के बारे में बताती है कि हे सीता जो पत्नी अपने पति का तिरस्कार करती है वे घोर नरक में जाती है, प्रत्येक स्त्रियो का एक ही धर्म है कि एके धर्म एक व्रत नेमा काय वचन मन पति पद प्रेमा इस प्रकार का उनको शिक्षा देती है तथा उन्हें आजीवन साफ सुथरा रहने वाला वस्त्र भेंट करती है। इस प्रकार सीता को उपदेश देकर अपने आश्रम से सीता को विदा करती है। इसके बाद श्रीराम जंगल की ओर चलते-चलते अगस्त ऋषि का दर्शन करते है, उधर रास्ते में विराज नामक राक्षस से भेट हो जाता है। वह राक्षस द्वारा श्रीराम के ऊपर हमला किया जिससे श्रीराम अपने तीखे बाण से उसका वध कर डालते है। लीला के मंचन को देखकर दर्शकों द्वारा लीला स्थल पर श्रीराम के नारों से घोष करके गुंजयमान करते है। इस अवसर पर कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, उपमंत्री लवकुमार त्रिवेदी, प्रबन्धक विरेश राम वर्मा, उप प्रबन्धक मयंक तिवारी, कोषाध्यक्ष रोहित कुमार अग्रवाल, मनोज कुमार तिवारी, रामसिंह यादव, विशम्भर नाथ गुप्ता आदि रहे।

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