शिवकुमार
गाजीपुर। वर्तमान समय में युवा वर्ग जिस तरह से शराब के नशे में अपने जीवन को बर्बाद कर रहा है उससे आने वाले समय में देश और समाज के सामने विकट परिस्थिति उत्पन्न होने वाली है। जिस समाज के युवा शराब के नशे में धुत रहेगा वह समाज और देश कैसे विकास कर सकता है। ऐसे में समाज के बुद्धिजीवियों, कलाकारों का महत्वपूर्ण कार्य होता है कि वह अपने संदेश से भटके हुए युवाओं को रास्ते पर लाये। बिरहा सम्राट व पूर्व एमएलसी काशीनाथ यादव ने बताया कि पिछड़ा और दलित समाज के युवा वर्तमान समय में नशा के तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। शहर हो या देहात हर जगह शराब के तरफ युवाओं का झुकाव तेजी से हो रहा है। उन्होने बताया कि हमने अपने लोकगीत में समाज में ऊंच-नीच, आरक्षण संबंधित समस्याओं पर बिरहा गाया है। बिरहा मेरी आत्मा है, बिरहा ने ही मुझे बुलंदी पर पहुंचाया है। शराब एक ऐसी समस्या है जो हर क्षण पिछड़े और दलित समाज के युवाओं को दीमक की तरह खा रहा है इसलिए हमने इस समस्या पर सजीव चित्रण के लिए हमने लघु फिल्म का रहना का हो गईला का निर्माण किया। जिसमे हमने शराबी का मुख्य रोल अदा किया है। इस फिल्म का उद्देश्य यही है कि शराब पीने से व्यक्ति का सब कुछ बर्बाद हो जाता है। धन, चल-अचल संपत्ति, समाज में सम्मान, वैभव यहां तक की सारे रिश्ते-नाते खत्म हो जाते हैं। व्यक्ति को होश तब आता है जब उसकी अंतिम घडी आ जाती है और वह चाह कर भी कुछ नही कर पाता है। उन्होने कहा कि हमने लघु फिल्म में अभिनय के दौरान यह बताया कि शराब के गिलास में मेरा सबकुछ चला गया। स्कूल, धन, शरीर और समाज में यश सहित सबकुछ चला गया। लेकिन शराब की गिलास भरी नही। उन्होने बताया कि पिछले दिनों इस लघु फिल्म का ट्रेलर रिलिज किया गया था। शीघ्र ही यह फिल्म फ्लोर पर आ जायेगी जिसका उद्घाटन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर सकते हैं।