गाजीपुर। पूर्व प्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर जी की 96वें जयंती पर दिल्ली में उनके समाधि स्थल विजय घाट पर राजनेताओं, जनप्रतिनिधियों व उनके अनुयायियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। सत्यदेव ग्रुप आफ कालेजेज के चेयरमैन डा. सानंद सिंह ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे भावभीनी श्रद्धांजलि दी और पूर्वांचल न्यूज डाट काम को बताया कि जननायक चंद्रशेखर जी का जन्म 17 अप्रैल 1927 को इब्राहिम पट्टी बलिया में हुआ था। सतीश चंद्र डिग्री कालेज बलिया से उन्होने स्नातक की पढ़ाई की, कालेज में ही मेरे पिता सत्यदेव सिंह से उनके घनिष्ठ संबंध हुए। जो जीवन-पर्यत्न चलता रहा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से चंद्रशेखर जी ने राजनैतिक सफर शुरु किया जो एमपी से लेकर सीधे पीएम के पद तक पहुंचा। उन्होने अपने नीति और सिद्धांत से कभी समझौता नही किया। इंदिरा गांधी व मोराजी देसाई के आग्रह के बावजूद भी वह केंद्रीय मंत्री नही बने। वह हमेशा व्यक्तिगत और सत्ता की राजनीति के खिलाफ रहे। उन्होने हमेशा वैचारिक लोकतांत्रिक मूल्यों एवं समाजिक परिवर्तन की राजनीति का समर्थन किया। वह साहत और सत्य के प्रतीक थे। उन्होने देशवासियों से मिलने के लिए 4260 किलोमीटर की कन्याकुमारी से नई दिल्ली तक पद यात्रा की। उनके मन में देश के गरीबों, शोषितों व पीडि़तों के लिए गहरी पीड़ा थी। वह बेबाक वक्ता थे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे। आये हुए अतिथियों के प्रति आभार सांसद नीरज शेखर ने व्यक्त किया।