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रोजेदारों ने मांगी मुल्क के अमन-चैन की दुआ, शाम में साथ मिलकर खोला रोजा

गाजीपुर। रमजान का पाक महीना शुरु होते ही शाम को जमानियां नगर कस्बा बाजार सहित स्टेशन बाजार भर में रौनक सा नजारा दिखने लगा है। तपती धूप और गर्मी में सुबह से शाम तक रोजा रखने के बाद रोजेदार साथ मिलकर रोजा खोलते हैं। वही ऐसे रोजेदार जो दुकानों पर रहते हैं वे अपने साथियो के साथ मिलकर लजीज व्यंजनों के साथ रोजा खोलते है। मुस्लिम रोजदार महरून निशा ने बताया कि दोपहर बाद से ही रोजेदार मुस्लिम महिलाएं अपने किचन में विभिन्न व्यंजन बनाने के लिए तैयारी शुरू कर देती है। और इफ्तार शुरू होने से पहले ही समोसा, कचौरी, जलेबी आदि व्यंजनों की खूशबू बिखरने लगती है। दिन भर भूखे प्यासे रहने के बाद रोजेदारों की निगाहें मगरिब की अजान पर टिकी रहती है। उन्होंने बताया कि शाम को अजान होते ही सभी रोजेदार सबसे पहले खजूर खाकर रोजा खोलते है। 2इसके बाद मस्जिदों में रोजेदारों ने मगरिब की नमाज पढ़ी। जिसमें रोजेदारों ने मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगते है। रोजे के साथ अपने काम धंधे के बरकत में लगे रोजेदारों ने समय निकाल कर इफ्तार जरूर करते। और रोजेदार किसी ने साथियों और अपने बच्चों संग मिलकर रोजा खोला, तो किसी ने अकेले ही अल्लाह को याद करने के बाद इफ्तार किया। महरुन निशा ने बताते हुए कहा कि, रमजान के महीने में दिन-रात रहमतों की बारिश होती है और रोजेदार को अपनी गलतियों की माफी और इबादत करने का पूरा मौका मिलता है। यही वजह है कि और दिनों की अपेक्षा मस्जिदें नमाजियों से भरी रहती हैं। इस महीने में जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं। रोजेदारो के लिए अनेकों प्रकार के व्यंजन पकवान बनाए जाते है। और सूरज निकलने से लगभग दो घंटे पहले से लेकर सूरज डूबने के दस मिनट बाद तक खाने-पीने और गलत कामों से दूर रहने, झूठ न बोलने, किसी की पीठ पीछे बुराई करने से दूर रहने का नाम रोजा है।

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