गाजीपुर। सिंह मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर वाराणसी के निदेशक डा. अशोक सिंह के आरोपों का खंडन करते हुए प्रदीप सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मैं प्रदीप कुमार सिंह पुत्र स्व० राम सकल सिंह , मकान न० 15 , को-आपरेटिव कालोनी ,आमघाट शहर गाजीपुर का रहने वाला हूँ। मेरे सगे भाई अशोक कुमार सिंह ,सिंह मेडिकल एण्ड रिसर्च सेन्टर, वाराणसी के निदेशक हैं। भाई अशोक कुमार सिंह की नीयत मेरे व मेरी पत्नी के प्रति गन्दी तथा हमेशा से नीचा दिखाने की रही है। माता राजेश्वरी देवी ने जब इस बात की जानकारी अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी अंशु सिंह व मेरी बहनो को दी तो अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी अंशु सिंह ने माता राजेश्वरी देवी को जहर देकर अपने रास्ते से हटाना चाहा। माता राजेश्वरी देवी द्वारा इसके सम्बन्ध में वीडियो बनवाकर मुझे दिया गया जिससे कि आगे वक्त जरूरत काम आवे। मेरी पत्नी के ऊपर भाई अशोक कुमार सिंह की नीयत गलत रहने की वजह से माता राजेश्वरी देवी ने मुझे तथा पत्नी व मेरे बच्चों को भाई अशोक कुमार सिंह व उनके परिवार से महफूज रखने के लिए एक वसीयतनामा दिनाँक 10/09/2012 कोतहरीर कर जिला निबन्धक गाजीपुर के यहाँ दिनाँक 24/09/2012 को सुरक्षित जमा कर दिया और वसीयत जमा करने की रसीद और असल की नकल अपने आलमारी में रख दिया ताकि अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी व बहनों को वसीयत की जानकारी न हो सके, नहीं तो माता राजेश्वरी देवी को डर था कि उनके वसीयत की जानकारी होने पर अशोक कुमार सिंह व उनकी पत्नी व मेरी बहनें उनकी हत्या कर देगें। अशोक कुमार सिंह व हम लोगों के जीजा जी अभय कुमार सिंह के द्वारा माता राजेश्वरी देवी को धोखा देकरबहुत सारे सादे कागजों पर हस्ताक्षर करालिया गया, जिसका प्रयोग बहुत सुनियोजित ढंग से किया गया और किया जा रहा है जिसकी जानकारी मुझे व माता राजेश्वरी देवी को नहीं हो पायी। अशोक कुमार सिंह व अभय कुमार सिंह के द्वारा धोखा देकर सादे कागजों पर श्रीमती राजेश्वरी देवी से हस्ताक्षर कराए गए सादे कागजों की वजह से माता श्रीमती राजेश्वरी देवी बहुत मर्माहत और डरी हुईं थीं और माता राजेश्वरी देवी ने उन हस्ताक्षर कराए गए सादे कागजों को वापस करने का दबाव भी अशोक कुमार सिंह व अभय कुमार सिंह के ऊपर बनाया किन्तु अशोक कुमार सिंह व अभय कुमार सिंह ने बहुत चालाकी से कुछ हस्ताक्षरित कागज देकर बाकी कागज अपने पास रख लिया। अशोक कुमार सिंह ने मौज़ा रजदेपुर देहाती मेस्थित आराजियात में अपने अंश की बेचे जाने की इक्छा व्यक्त किया जिसके बाबत एकरारनामा बय संख्या 4315 एवं 4314दिनाँक 30/07/2021 को निष्पादित किया। लेकिन अशोक कुमार सिंह द्वारा एकरारनामा बय संख्या 4315 का पूर्ण प्रतिफल रु०1.15 करोड़ दिनाँक 16/09/2021 को प्राप्त कर लेने के बावजूद मेरी रकम को हड़प लिए जाने के उद्देश्य से आज तक विक्रय पत्र निष्पादित नहीं किया जबकि एकरारनामा बय संख्या 4314 के सापेक्षरु० पचास लाख ले चुके हैं और शेष रकम के बाबत पोस्ट डेटेड चेक दिया जा चुका है किन्तु बैनामा निष्पादित किए जाने के पूर्व ही रुपया हड़पने की गरज से भुगतान हेतु चेक को प्रस्तुत कर दिया किन्तु अशोक कुमार सिंहकी दूषित नीयत को देखते हुए मैंने चेक का भुगतान स्टाप-पेमेंट करा दिया। अशोक कुमार सिंह द्वारा न्यायालयों में शपथ-पत्र व विभिन्न पंजीकृत दस्तावेजों में वसीयतनामा की सत्यता को स्वीकार करने के पश्चात गलत कहानी रचकर फर्जी तौर पर थाना कोतवाली गाजीपुर व थाना सिगरा वाराणसी में मेरे व मेरी पत्नी के विरुद्ध महज धन उगाही और सामाजिक, आर्थिक व मानसिक क्षति पहुँचाने के लिए ऋ.क.फ. दर्ज करा दिया। अशोक कुमार सिंह ने मेरा रुपया हड़पने व जान से मरवाने की गरज सेगलत तथ्यों के आधार पर वाराणसी न्यायालय में मुकदमा भी दाखिल किया है। अशोक कुमार सिंह द्वारा वाराणसी में प्रेस कान्फ्रेंस करके मेरे और मेरी पत्नी के विरुद्ध लगाए गए आरोप बिलकुल गलत और निराधार है औरमहज धन उगाही और बदनाम करने के लिए की गई है जिसमें कोई सत्यता नहीं है। मेरे द्वारा वर्णित तथ्य व अशोक कुमार सिंह द्वारा वर्णित तथ्य की निष्पक्ष जाँच शासन द्वारा कराकर अशोक कुमार सिंह के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। प्रदीप सिंह ने प्रेसवार्ता के प्रारंभ में अपनी मां राजेश्वरी देवी द्वारा दिये गये विगत वर्षों का वीडियो रिकार्डिंग भी पत्रकारों को दिखाया।
Home / ग़ाज़ीपुर / धन संपत्ति हड़पने की नियत से डा. अशोक सिंह ने मां को पहले भी दिलवाया था जहर, अब हमारे परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसा रहे हैं- प्रदीप सिंह
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