गाजीपुर। घर को साफ पाक करने के बाद जिस स्थान पर नियाज करायी जाती है। उस स्थान को भी साफ सफाई करायी जाती है। बताया जा रहा है। कि कुंडे का महीना बहुत ही शुभ और बरकत वाला महीना माना जाता है। दुनिया भर में सब लोग कुंडे का पर्व बड़े ही शौक से मनाते हैं। और मुस्लिम महिलाएं अपने घर को पूरी साफ सफाई के बाद पूड़ी बनाती हैं जैसे मीठी पूड़ी फीकी पूड़ी बनाकर उस पर फातिहा लगवाते हैं ताकि उनके घर में भी बरकत हो सके। इस महीने को बहुत ही अच्छा माना जाता है। इस्लाम धर्म में कुंडे को मनाने का काफी शौक होता है। माहे 22 रजब का चाँद नज़र आते ही मुस्लिम घरों में हजरत इमाम जाफर सादिक़ रदियल्लाहु अन्हु को ईसाले सवाब के लिए कूंडे की नियाज़ कराने में मशगूल हो जाते है। 22 रजब को कूंडे की नियाज़ करायी गयी। कहते हैं कि उस दिन इमाम जाफर सादिक़ रदियल्लाहो अन्हु का विसाल 22 रजब को हुआ था। हक़ीक़त यही है। कि हज़रत इमाम जाफर सादिक़ रदियल्लाहो अन्हु का विसाल 22 रजब को। जामा मस्जिद के सेकेट्री व मौलाना तनवीर रज़ा ने बताया कि 22 रजब को सहाबी-ए-रसूल हज़रत अमीरे मुआवियह रदियल्लाहु अन्हु का विसाल हुआ है। 22 रजब को आपको गोसियत-ए-कुबरा अता किया गया। इस लिहाज़ से आप इमाम जाफर सादिक रे.अ. की नियाज़ दोनों तारीखों में कर सकते हो। मौलाना ने कहा कि 15 रजब को हज़रत इमाम जाफर सादिक का विसाल हुआ उस तारीख में भी आप इसाले सवाब कर सकते है। वैसे तो पूरा महीना ही आप इसाले सवाब की गर्ज़ से फ़ातिहा ख़्वानी कर सकते है। इसमें कोई हर्ज नहीं है। बेशक़ अल्लाह तबारक़ व् तआला हमारी नियतो को देखता है। और उसी हिसाब से हमें अज़्र मिलता है। नगर पालिका परिषद के पूर्व इंस्पेक्टर व गरीबों मजलुमो के मददगार रहे स्व0 नेहाल शेख मन्सूरी के आवास पर इमाम जाफर सादिक हजरत रहमतुल्ला की याद में इसाले सवाब के लिये नियाज फातिया करायी गयी। इस दौरान छोटे बड़े युवक युवतियां साफ पाक होकर बनाई गई पकवान को अदब के साथ खाया।
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