गाजीपुर। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मीडिया से मुखातिब होते डिप्टी सीएम केशव मौर्या के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि आप से ज्यादा कौन बेहतर समझेगा की गुंडा कौन है। वो डिप्टी सीएम हैं और उनके मुकदमे वापस हुए हैं। मुख्यमंत्री जी को असिस्टेंट चाहिए था कि कोई उनकी अनुपस्थिति में खासकर पिछड़ा हो। उन्होने कहा कि बीजेपी में पिछड़ा जो चला जाता है उसकी आत्मा मर जाती है। इस तरह से उनको अपमानित किया जा रहा है शर्म आनी चाहिये। उन्हें स्टूल पर बैठाया गया। उन्होने कहा कि समजवादी पार्टी की मांग है जातीय जनगणना हो। वो हक डे इसलिये मना रहे हैं कि गाय के पास कई बार बैठकर अच्छा अनुभव होता है। हिंदी में भी हो सकता था। स्पर्श दिवस भी हो सकता था। मुख्यमंत्री शुद्र की परिभाषा कभी नहीं बता सकते। जब वो अपने पड़ोसी जिले में गये थे और शूद्र बच्चों से मिलना था तो उन्हें साबुन से नहलाया गया था। कहे थे इनमें स्मेल आती है। किसी भी मुख्यमंत्री ने कालिदास मार्ग को गंगाजल से नहीं धुलाया था। गंगा जल को आचमन लायक बनाओ। बीजेपी कभी सामने नहीं आना चाहती थी। कर्ण ने क्या फील किया था। दिनकर जी का क्या भाव था बीजेपी को याद करना चाहिए। बीजेपी कभी जातिगत जनगणना नहीं कराना चाहेगी। लोकसभा से बेहतर परिणाम देंगे। आज जो गठबंधन है वही रहेगा। मैं खुद मंदिर जाना चाहता था तो मुझे क्यों रोका। ये लोग कहीं न कहीं आपको अपमानित करा देंगे। भगवान सबके हैं। ओमप्रकाश राजभर पर कसा तंज चल सन्यासी मंदिर में, चिमटा बजे न बजे कंगना तो बज ही रहा होगा।
