Breaking News
Home / ग़ाज़ीपुर / विश्वनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में बी.फार्मा तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा अंतिम वर्ष के छात्रों को स्मरणीय विदाई समारोह का आयोजन

विश्वनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में बी.फार्मा तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा अंतिम वर्ष के छात्रों को स्मरणीय विदाई समारोह का आयोजन

गाज़ीपुर: विश्वनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी में बी.फार्मा तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा अंतिम वर्ष के छात्रों के सम्मान में एक भव्य और भावनात्मक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम स्नेह, सम्मान एवं मधुर स्मृतियों से परिपूर्ण रहा।कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के चेयरमैन अजय यादव द्वारा फीता काटकर किया गया, जिसके पश्चात दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण के साथ विधिवत रूप से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की उत्साही सहभागिता ने समारोह में जीवंतता भर दी।तृतीय वर्ष के छात्रों द्वारा प्रस्तुत विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गायन, नृत्य, कविता पाठ और हास्य नाटकों ने उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। किसी ने अपनी मधुर स्वर लहरियों से श्रोताओं की आँखें नम कर दीं, तो किसी की रचना ने भावनाओं की गहराई छू ली।विदाई समारोह में छात्रों ने मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए संस्था के प्रति आभार व्यक्त किया। एक छात्रा ने कहा, “यह संस्थान केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि एक परिवार रहा, जिसने हमें जीवन के कई मूल्य सिखाए।” एक अन्य छात्र ने कहा, “यहाँ हमने फार्मेसी ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सीखी।”शिक्षकों ने भी प्रेरणादायक शब्दों के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। जूनियर्स द्वारा तैयार किया गया स्मृति-वीडियो पूरे समारोह का सबसे भावुक क्षण रहा।कार्यक्रम के अंत में विदाई उपहारों का वितरण किया गया तथा “शर्ट डे” के रूप में समारोह को उत्सव के रंगों से सजाया गया।समापन अवसर पर चेयरमैन अजय यादव ने कहा, “यह फेयरवेल नहीं, बल्कि आपके उज्ज्वल भविष्य की ओर पहला कदम है।” प्राचार्य डॉ. सुनील चौधरी ने भी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।इस अवसर पर विभागाध्यक्ष विजय यादव, गौरीशंकर राय, सुमित कुमार, शिवम पटेल, पूजा सिंह, लक्ष्मी पाल, मनीषा सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

[smartslider3 slider="4"]

About admin

Check Also

गाजीपुर: हरी खाद में ढैंचा के प्रयोग से रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता होगी कम – डॉ. नरेन्द्र प्रताप

गाजीपुर। ढैंचा एक हरी खाद वाली फसल है जिसका प्रयोग मुख्य रूप से मिट्टी की …