गाजीपुर। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर के तत्वावधान में जिलाध्यक्ष अरूण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में लंका मैदान में वृहद कायस्थ समागम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्री चित्रगुप्त जी की पूजन,आरती एवं स्तुति से हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि देश के पुर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्रीऔर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान राजनीतिक दौर में कायस्थ समाज के लोगों को घर की चहारदीवारी लांघकर सियासी हल्के में अपनी गिनती करानी होगी। सत्ता शासन और राजनीतिक दलों को अपनी ताकत का एहसास कराना होगा।तभी हम सत्ता शासन में अपना हिस्सा और भागीदारी प्राप्त कर सकेंगे। खामोशी तोड़ अपने हक और अधिकार की आवाज बुलंद करनी होगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल हमारे समाज के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा देने वाले सियासी दल भी हमारी हिस्सेदारी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद लोकसभा,राज्यसभा और प्रदेश की विधान सभाओं में हमारे समाज का सम्मानजनक प्रतिनिधित्व हुआ करता था लेकिन पिछले दो तीन दशकों से राजनीतिक दल हमारे समाज के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। राजनीति में हमें हाशिए पर ढकेलने की लगातार साजिश रची जा रही है। लेकिन इसके लिए केवल राजनीतिक दल ही नहीं जिम्मेदार है बल्कि हमारी सियासी उदासीनता भी इसका प्रमुख कारण है। हमें सियासी उदासीनता छोड़कर हमें अपने हक और अधिकार के लिए मुखर होना होगा। उन्होंने कहा कि विकास की कुंजी सत्ता के हाथों में होती है, बिना सत्ता में भागीदारी के समाज के उत्थान एवं विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि हम सबको आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होने की जरूरत है। सकारात्मक सोच के साथ हम सबको आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाज में एक नई राजनैतिक , सामाजिक, सांस्कृतिक चेतना लाने की जरूरत है। हम सबके संगठित होने में ही सभी समस्याओं का हल है। उन्होंने कहा कि आपसी सामंजस्य बनाकर चलने की जरूरत है। अपने साथ हो रहे अन्याय, उपेक्षा और महापुरुषों के अपमान के खिलाफ गुस्सा करने की जरूरत है। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने समाज का अपना एक अलग राजनीतिक संगठन बनाने का भी प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का समाज के लोगों ने करतल ध्वनि के साथ समर्थन एवं स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरूआत के पहले सभी कार्यकर्ताओं ने सम्राट ढाबे के पास मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात सैकड़ों वाहनों के साथ उनका काफिला जुलूस की शक्ल में पी जी कालेज स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण,पीर नगर स्थित राजेन्द्र बाबू और शास्त्री नगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कराते हुए कचहरी,महुवाबाग, मिश्र बाजार, सकलेनाबाद होते हुए लंका मैदान में पहुंचा। इस अवसर पर सिविल बार संघ की निर्वाचित सचिव ज्योत्सना श्रीवास्तव, सेन्ट्रल बार संघ कासिमाबाद के अध्यक्ष अजय कुमार श्रीवास्तव, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव,पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार श्रीवास्तव,सिविल बार संघ के निर्वाचित उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव,कुबरी के निर्वाचित ग्राम प्रधान ओमप्रकाश श्रीवास्तव, छपरा गांव के ग्राम प्रधान निशा श्रीवास्तव, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पुर्व जिलाध्यक्ष डॉ पूजा श्रीवास्तव ,डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव के साथ साथ समाज के तमाम मेधावी छात्रों, खिलाड़ियों, साहित्यकारों को मुख्य अतिथि महोदय ने प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम को मुख्य रूप से कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मुकेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महामंत्री विश्व विमोहन कुलश्रेष्ठ, तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष रवि पिल्लई,प्रदेश अध्यक्ष डॉ इंद्रसेन श्रीवास्तव, युवा संभाग के प्रदेश अध्यक्ष गौरव सक्सेना ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का जिलाध्यक्ष अरूण कुमार श्रीवास्तव और जिला महामंत्री अरूण सहाय ने स्मृति चिन्ह एवं अंगम् वस्त्रम् प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ इंद्रसेन श्रीवास्तव ने डॉ पूजा श्रीवास्तव को महिला सभा का जिलाध्यक्ष मनोनीत किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रेम कुमार श्रीवास्तव, सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव,दीनानाथ श्रीवास्तव, शशिकांत श्रीवास्तव,पियूष श्रीवास्तव, रविन्द्र श्रीवास्तव,अमर सिंह राठौर,अजय श्रीवास्तव ,अरूण सहाय,विपिन बिहारी वर्मा,परमानंद श्रीवास्तव,चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, मोहनलाल श्रीवास्तव,शैल श्रीवास्तव, आशुतोष श्रीवास्तव ,कृष्ण कन्हैया श्रीवास्तव विजय श्रीवास्तव प्रेमी,मनीष श्रीवास्तव, विपुल सिन्हा,सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, अमरनाथ श्रीवास्तव , प्रदीप श्रीवास्तव उर्फ राजन,विवेक श्रीवास्तव, कमल श्रीवास्तव,आन्द श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव आशुतोष श्रीवास्तव,राजेश कुमार श्रीवास्तव,अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव,अनूप कुमार श्रीवास्तव, रमेश श्रीवास्तव, विपिन श्रीवास्तव डब्बू,संतोष श्रीवास्तव, डॉ सुधीर श्रीवास्तव शैलेश श्रीवास्तव,आनन्द श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव , मयंक श्रीवास्तव, आदित्य श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन मोहनलाल श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम के अंत में इस कार्यक्रम के संयोजक मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
