गाजीपुर। रंगभरी एकादशी के अवसर पर बाबा चीतनाथ कोटेश्वरनाथ महादेव के साथ बाबा अमरनाथ महादेव के होली खेलने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है उसी पौराणिक मान्यताओ के अनुसार काशी की बहन लहुरी काशी में आज सोमवार के दिन प्रातः काल से ही बाबा चीतनाथ कोटेश्वरनाथ महादेव चीतनाथ घाट पर श्रद्धालुओ का तांता लग गया और वही से बाबा चीतनाथ की भव्य प्रतिमा झांकी पर सवार होकर बाबा अमरनाथ महादेव से मिलने निकल पड़ी जिसमें गाजे बाजे व संगीत मय भजन किर्तन के साथ झांकी निकाली गयी। बाबा के झांकी का स्वागत जगह जगह पर रोक कर अबीर गुलाल व पुष्पो की बारीस की गयी। नगर के संभ्रान्त लोगो ने बाबा के झांकी का स्वागत किया और श्रद्धालुओ केा ठन्ठई, बरफी लडडू व पानी के पैकेट बांट कर सभी भक्तो का मनुहार किया। जगह जगह पर राधा-कृष्ण व भगवान शंकर बने कलाकारो ने गुलाल खेलते हुए होली का मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मनमोह लिया और हर हर महादेव के नारे से पुरा नगर गंज उठा। आयोजक अभिषेक ने बताया कि काशी के बाबा विश्वनाथ की झांकी रंगभरी एकादशी के दिन निकलती है जिसमें मां गौरा का गवना लेने बाबा जाते है। उसी पौराणिक मान्यताओ के अन्तर्गत लहुरी काशी गाजीपुर में रंगभरी एकादशी के दिन से यह झांकी निकाली जाती है और चीतनाथ कोट मुहल्ला के लोग इस झांकी को बड़े ही धुमधाम से निकालते है जिसमें पुष्पवर्षा करते हुए अंबीर गुलाल का स्नान कराते है और बाबा चीतनाथ अपने झांकी पर सवार होकर बाबा अमरनाथ मंदिर रायगंज में मिलने के लिए जाते है और वहा से मिलने के पश्चात झांकी गोईजीतर अभयेश्वरनाथ महादेव मंदिर में मिलते है इसके बाद मिश्रबाजार स्थित शिवमंदिर पर मिलने जाते है और वहा से मिलने के बाद प्रसाद वितरण कर वापस अपने मंदिर केाट चीतनाथ पहुच कर विश्राम करते है और आज ही के दिन से होली का शुभारम्भ माना जाता है। जिसमें स्थानीय भक्तो में मंदिर के व्यवस्थापक हृदय प्रकाश, राजू प्रजापति, अभिषेक, आलोक, सुधीर केशरी, गुडडू केशरी, कल्लू सेठ, दीनदयाल, उमाशंकर, सूरज जी, अंजनी जी, गिरधर, संजय, विशाल सहित सैकड़ो श्रद्धालू बाजे गाजे पर व मनमोहक भजन पर नाचते गाते रहे।
