गाजीपुर। सैदपुर ब्लाक के इशोपुर ग्रामसभा स्थित पोखरीपुर मौजा में करीब दो दर्जन छोटे बड़े आवासीय मकान जलाशय की जमीन पर बने हुए है। इशोपुर और सिधौना की सीमा पर स्थित यह मौजा विशाल पोखरी के किनारे बसा था। समय के साथ साथ लोगों ने पोखरी को पाटकर अपना मकान बनाना शुरू कर दिया। ज्यादातर लोग पशुओं के लिए आश्रय और छोटे बड़े कच्चे पक्के आवासीय मकान बना लिये है। गांव के विनोद कुमार ने आईजीआरएस पोर्टल पर जलाशय के जमीन को मुक्त कराने की अपील करते हुए पोखरी के जमीन पर अवैध कब्जा होने की शिकायत दर्ज कराई थी। मंगलवार को राजश्व निरीक्षक विनय कुमार ने चार लेखपालों के साथ जलाशय के जमीन की पूरी नापी करायी। जहां जलाशय के करीब तीन हिस्से पर अवैध कब्जे की जानकारी मिली। राजश्व विभाग के कार्यवाही से जलाशय के जमीन पर अवैध कब्जेदारों में खलबली मच गई। करीब दो दर्जन परिवारों में मातम का माहौल बन गया है। लोग अपने पुस्तैनी और पुरानी मकान को बचाने के लिए इधर उधर भागदौड़ करने लगे है। ग्रामीण बताते है कि कई घरों में तीन दिन से चूल्हे नही जले है। इतने लंबे समय से मकान में रहने के बाद जमीन का अवैध निकलना कष्टदायी है। लेखपाल प्रियंका देवी ने बताया कि पोखरीपुर में करीब साढ़े चार बीघे जमीन जलाशय के नाम दर्ज है। मौजूदा समय में जलाशय मात्र एक बीघे जमीन तक सिमट कर रह गया है। जलाशय के किनारे लोगों ने अपने मकान बना लिए है। तहसीलदार सैदपुर देवेंद्र यादव ने कहा कि दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। जलाशय का जमीन खाली न करने पर मकान के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जाएगी।
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