गाजीपुर। आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या अन्तर्गत सामुदायिक विज्ञान महाविधालय के मानव विकास एवं परिवार अध्ययन विभाग द्वारा संचालित परियोजना प्रदूषण कम करने हेतु धान की पराली से कम लागत में बनने वाले मूल्यवर्धित उत्पादों का विकास के अंतर्गत ग्राम पीरो सरैया विकास खण्ड – धनपतगंज सुलतानपुर का सर्वेक्षण एवं अध्ययन किया गया। परियोजना की मुख्य अनुवेषिका, प्रोफेसर डा. सुमन प्रसाद मौर्य ने बताया कि इस परियोजना में धान की पराली से कम लागत वाले मूल्य वर्धित उत्पादों का विकास किया जाएगा, जिससे पराली का उचित प्रबंधन कर प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सकें। परियोजना में धान की पराली का सीधे प्रयोग करके विभिन्न हस्तकला सामग्रियां तैयार की गई हैं। धान के पुआल की लुगदी तैयार उसमें कई प्रकार के बाइंडिंग एजेंटो का प्रयोग कर उपयोगी वस्तुएं गमला, सजावटी बस्तुएं तैयार की जा रही है। परियोजना के अंतर्गत विकसित की जा रही वस्तुओं का गुणवत्ता परीक्षण भी किया जा रहा है। इस प्रकार तैयार उत्पादों को बनाने का प्रशिक्षण धान उत्पादकों ए्वं अन्य ग्रामीणों को दिया जाएगा जिससे वह धान की पराली से उपयोगी सामग्री बनाकर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे तथा पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा प्रो. रवि प्रकाश मौर्य सेवानिवृत्त वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने किसानों के धान के खेतों पर भ्रमण कर चर्चा किया तथा बताया कि एक जगह 2-3 धान की पौध लगाये तथा प्रति वर्ग मीटर में 50 – 55 पुजें होने चाहिए। जो धान की नर्सरी 25 दिन से ज्यादा की हो गई हो उसकी 4-5 पौधे लगाये ,लगाने से पहले नर्सरी के ऊपर 4 सेमी. छटाई करें। सरिता श्रीवास्तव, सह अनुवेषिका, कु.आकांक्षा सिंह यंग प्रोफेशनल,कु.सोनी चौरसिया स्नातक कृषि छात्रा ने 35 धान उत्पादक किसानों/ कृषक महिलाओं से सर्वेक्षण कर विभिन्न पहलुओं पर जानकारी ली। जगजीवन दास फार्मस प्रोड्यूसर कम्पनी पीरों सरैया की निदेशक सुधा सिंह ने बताया कि एफ.पी.ओ.के माध्यम से बकरी पालन, मत्स्य पालन की योजना चल रही है। सुधा सिंह, प्रगतिशील कृषक ईदरीश खान ने सर्वेक्षण कार्य में बहुत ही सहयोग प्रदान किया।
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