गाजीपुर। मेघबरन सिंह स्टेडियम करमपुर के अनिकेत सिंह ने बताया कि आज हमें गर्व है कि हमारे स्टेडियम से दो खिलाड़ियों, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल, का चयन पेरिस ओलंपिक हॉकी टीम 2024 के लिए हुआ है। यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक पल है और इसका श्रेय हमारे स्टेडियम के संस्थापक, स्वर्गीय तेज बहादुर सिंह जी को जाता है।तेज बहादुर सिंह जी ने 1983 में इस स्टेडियम की स्थापना की थी, उनके उद्देश्य थे कि गांव के गरीब युवाओं को रोजगार मिले और उनका जीवन बेहतर हो सके। आज, उनके सपनों का परिणाम हमारे सामने है। इस स्टेडियम ने 14 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भारतीय हॉकी टीम को दिए हैं और सैकड़ों खिलाड़ियों को विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियां मिली हैं। उन्होंने अपना सारा जीवन खिलाड़ियों के उत्थान और गरीबी मिटाने के लिए समर्पित कर दिया। उनका योगदान हमारे लिए एक प्रेरणा है।हमारे स्टेडियम में एक बड़ा परिवर्तन तब आया जब पूर्व सांसद और स्टेडियम के निदेशक राधे मोहन सिंह जी के अथक प्रयासों और गाजीपुर के लोगों की आशीर्वाद से हमें एस्ट्रोटर्फ मिला। इससे हमारे खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ मिलीं। ललित उपाध्याय, जो देश में एक जाना माना नाम हैं और माननीय मुख्यमंत्री जी ने उनका उल्लेख सदन की कार्यवाही में भी किया है और टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा थे और माननीय मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शी सोच ने पॉलिसी लेवल पर बदलाव करके उन्हे यूपी पुलिस में डीएसपी पद पर नियुक्त किया है सारे खेल प्रेमियों को सौगात दी और राजकुमार पाल, जो पहली बार ओलंपिक में खेलेंगे, हमारे गर्व का प्रतीक हैं।राजकुमार पाल का सफर बहुत ही प्रेरणादायक है। उनके पिता के निधन के बाद उनकी माँ, मनराजी देवी, ने तीनों भाइयों का पालन-पोषण किया। उनके बड़े भाई, जोखन, सेना में हैं, और दूसरे भाई, राजू, रेलवे में काम करते हैं। सभी भाई हमारे स्टेडियम से जुड़े हुए हैं। हमारे स्टेडियम में जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को हॉकी स्टिक, जूते, किट और शिक्षा की सुविधा दी जाती है। राजकुमार पाल जब मात्र 8 साल के थे, तब उन्होंने हमारे स्टेडियम में खेलना शुरु किया।हमारी अकादमी में करीब 400 खिलाड़ी मुफ्त प्रशिक्षण लेते हैं। जब खिलाड़ी हॉस्टल और कॉलेज में जाते हैं, तब आर.पी. सिंह, रजनीश मिश्रा, और पियूष दुबे जैसे लोग उनकी देखभाल करते हैं और उन्हें अपनी बेहतरीन प्रदर्शन करने में मदद करते हैं।स्वर्गीय तेज बहादुर सिंह जी, जिन्हें हॉकी का द्रोणाचार्य कहा जाता है, की मृत्यु के बाद यूपी सरकार ने उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामांकित किया। अकादमी के स्टाफ, जैसे मनोज भैया, इंदरदेव कोच, सुजीत तिवारी, अदलत यादव, और हमारे एलुमनाईज जैसे संजय यादव, आज़ाद, अवधेश, स्वामी भैया, और अन्य सभी ने स्टेडियम को संभालने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।वर्तमान में, भारतीय सब जूनियर टीम में हमारे करमपुर के 5 खिलाड़ी हैं, और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उत्तम सिंह जैसे खिलाड़ी हमारे होंकी के भविष्य के बड़े सितारे हैं। गाजीपुर ने अपना पहला ओलंपियन पाया है, और हमें उम्मीद है कि वह ओलंपिक पदक भी जीतेगा।हम चाहते हैं कि और लोग हॉकी का समर्थन करें, क्योंकि ये खिलाड़ी हमारे देश के असली हीरो हैं। क्रिकेट की प्रसिद्धि के बावजूद, हॉकी को देखना और आनंद लेना कहीं अधिक रोमांचक है। यूपी सरकार की नीति के तहत ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल को 25 लाख रुपये मिलेंगे, और अगर वे ओलंपिक में जीतते हैं, तो उन्हें 5-6 करोड़ रुपये मिलेंगे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राजकुमार पाल के साथ बैठक में हमारे स्टेडियम के बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी ली और स्टेडियम के लिए 5 करोड़ रुपये का खेल परिसर और नवीनीकरण की सौगात दी हैं। हॉकी इंडिया, खिलाड़ियों, स्टाफ, और विशेष रूप से योगी आदित्यनाथ जी के समर्थन से हमें यह एहसास हुआ कि गर्व और खुशी के साथ हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है।गाजीपुर को खेल की राजधानी बनाने की।करमपुर स्टेडियम अपनी नई सुविधाओं और ऊर्जा के साथ राष्ट्र की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार है। हम अपने खिलाड़ियों के साथ मिलकर और भी ऊंचाइयों को छूने का सपना देख रहे हैं।
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