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एमएएच इंटर कालेज गाजीपुर में धूमधाम से मनाया गया सर सैयद अहमद खान का जन्मदिन

गाजीपुर। एमएएच इंटर कॉलेज में सर सैयद अहमद खान का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत तिलावत कलाम पाक से हुई उसके बाद विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सर सैयद के जीवन और उनके किए गए कार्यों पर विस्तार से रोशनी डाली कार्यक्रम में जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षक जफरुल्लाह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सैयद अहमद अंग्रेजी शिक्षा को समय की जरूरत समझ रहे थे जो आज के परिवेश में सही निर्णय सिद्ध हुआ यद्यपि उनका विरोध उसे दौर में किया गया लेकिन वह अपने उद्देश्यों से विचलित नहीं हुए जाने-माने शायर बादशाह राही ने अपने कलाम में सर सैयद के कार्यों एवं उनके मिशन पर शानदार नजम पढ़कर श्रोताओं को ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया राजकीय सिटी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नेमतुल्लाह साहब ने कहा की सर सैयद अहमद का जो मिशन था उसे मिशन को हम सबको आगे बढ़ाने की जरूरत है वह काम सिर्फ एक यूनिवर्सिटी  बनाने का नहीं था जो जहां भी रहे उनके आधुनिक शिक्षा के मिशन को आगे बढ़ाने में लग जाए पीजी कॉलेज गाज़ीपुर के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर रामनारायण तिवारी ने अपने भाषण में कहा कि सर सैयद ने हिंदू मुस्लिम एकता और आधुनिक शिक्षा के लिए जो कार्य किया उसको संकलित करके नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है जाने-माने लेखक विश्व विमोहन शर्मा ने सर सैयद को हिंदू मुस्लिम एकता धर्मनिरपेक्षता एवं आपसी भाईचारा का प्रतीक बताया उन्होंने सर सैयद के मिशन की सराहना करते हुए उसे हिंदुस्तानियों को अपनानेकासुझाव दिया उनका यह कहना कि अगर सर सैयद विश्वविद्यालय गाजीपुर में बनाते तो शायद चंद्रयान जैसी चीज यहां से भी बनती और विश्व में हम और मजबूत हो जाते विद्यालय के प्रबंधक हाजी मोहम्मद वारिस हसनखान ने कहा की सर सैयद अपने गाजीपुर में कयाम के दौरान कचहरी की मस्जिद जो एक रुपए में रजिस्ट्रीली थी वह एक गैर मुस्लिम से लिया जो इस बात का प्रतीक है कि हिंदू और मुस्लिम के साथ कोई भेदभाव नहीं था और आपसी भाईचारा उसवक्त बना हुआ था विक्टोरिया स्कूल की स्थापना साइंटिफिक सोसायटी जैसे महत्वपूर्ण कार्य गाजीपुर में हुए सर सैयद के विक्टोरिया स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो गई और उसके स्थान पर जो यादगार बनी है उसकी स्थिति दयनीयहै उसे और सुधार करने की आवश्यकता है प्रधानाचार्य मोहम्मद खालिद अमीर ने आए हुए सभी मेहमानों उपस्थित शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को खिताब करते हुए कहा कि सर सैयद का वह कथन ज्यादा प्रासंगिक है जिसमें उन्होंने कहा था कि पुराने दरख्त जगह ज्यादा लेते हैं और फल कम देते हैं अब जरूरत है कि नए दरख्त नए अंदाज में लगाए जाएं यह बात साफ संकेत देती है कि हमें आधुनिक शिक्षा वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपना कर ही आगे बढ़ने की बात सोचनी पड़ेगी अंत में विद्यालय की छात्राओं ने यूनिवर्सिटी का तराना पेश किया और उसके बाद अध्यक्ष मजहर हुसैन द्वारा आए हुए सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया गया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के उर्दू अध्यापक डॉक्टर लाइफ अहमद सिद्दीकी ने बहुत प्रभावी ढंग से किया। प्रोग्राम में मुख्य रूप से मदरसा चश्मा रहमत के प्रबंधक अबू नसर खान विद्यालय के उपाध्यक्ष शाहनवाज खान प्रबंध समिति के सदस्य जुबेर अहमद खान एडवोकेट जियाउर रहमान मरहूम जावेद जहीर अहमद खान की बेटी जुबेरिया जावेद आदि उपस्थित थे।

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