गाजीपुर। पिता की आखिरी इच्छा को पुत्र ने न केवल पूरा किया बल्कि एक अनुकरणीय उदाहरण भी पेश किया। पिता थे एडवोकेट मसीउद्दीन सिद्दीकी और उनके ज्येष्ठ पुत्र असद। एडवोकेट मसीउद्दीन सिद्दीकी साहब ने अपनी मृत्यु से पहले अपने पुत्र से कहा था कि मेरे बाद मेरी लाइब्रेरी की सभी पुस्तकें सिविल बार एसोसिएशन गाजीपुर को दान कर देना। मसीउद्दीन सिद्दीकी साहब का इंतकाल अगस्त माह में हो गया। उनके पुत्र असद ने मंगलवार को समारोहपूर्वक अपने पिता की लाइब्रेरी की सैकड़ों कानूनी पुस्तकें सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधाकर राय को डोनेट कर दिया। इस मौके पर अध्यक्ष सुधाकर राय ने एडवोकेट मसीउद्दीन सिद्दीकी साहब को याद करते हुए असद के प्रति आभार जताया। कहा कि यह एक श्रेष्ठ उदाहरण मसीउद्दीन सिद्दीकी साहब और उनके परिवार ने पेश किया है। उनकी पुस्तकें सिविल बार की लाइब्रेरी में एक कार्नर बना कर रखी जाएंगी।यह सभी अधिवक्ताओं के लिए लाभदायक और प्रेरणादायी है। वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर राय ने कहा कि मसीउद्दीन सिद्दीकी मेरे सहपाठी थे और उन्होंने अनुकरणीय कार्य किया है। इस मौके पर सुरेश सिंह, राजेंद्र नाथ, सुरेंद्र नाथ राय , मसउद आलम खां, राजेश राय, गफ्फार, अखिलेश राय, मधुबन कुशवाहा,सच्चिदानंद शर्मा, राम नसीब राय, अजहर, दुर्गेश राय,अविनाश प्रधान आदि मौजूद थे।
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