गाजीपुर। गंगा के तटवर्ती क्षेत्र चकेरी धाम पर गुरू पूर्णिमा धाम के महन्थ संत त्रिवेणी दास जी महाराज के नेतृत्व मे मनाया गया।इस अवसर पर भक्तो को संबोधित करते हुए श्री महाराज ने कहा कि गुरु परमात्मा का रुप होता हॆ जो जीव व परमात्मा के बीच सेतु का काम करता हॆ।माया मे भटके जीव को आवागमन से छुटकारा दिलाने के लिए कार्य करता हॆ। यह मानव जीवन क्षणभंगूर हॆ आज मिला हे कल मिलेगा या नही इसकी कोई गारंटी नही हॆ।संत इस धराधाम पर अपनी इच्छा से नही आते हॆ वह परमात्मा का भेजा हुआ दूत हॆ जो चुनी हुई आत्माऒं को इक्ठ्ठा करके उपदेश देता हॆ।वह जन्म मरण के बंधन से मुक्त होता हॆ ।जीव व परमात्मा के वीच सेतु का काम करता हॆ। कृपा पात्र शिष्य जयप्रकाश दास फलहारी ने कहा जीव इस धराधाम पर क्यों आया हॆ क्या कर रहा हॆ इस धराधाम पर आने का क्या उदेश्य हॆ।अपने उदेश्य को भूल बॆठा हॆ जो समस्त दुः खों का मूल कारण हॆ।परमात्मा कहीं बाहर नही वह हमारे अंदर मॊजूद हॆ जिसे सच्चा सदगुरु ही दिखा सकता हॆ।उसे प्राप्त करने के लिए किसी विशेष वेष भूषा,व वाहरी आंडम्बर की जरुरत नही पङता हॆ।इन आखों से भी नही देखा जा सकता ।इसी क्रम मे रामघाट फूलवारी आश्रम व तुलसीपुर करण्डा मे परम पूज्य शिवपूजन दास जी महाराज के आश्रम मे गुरु पूर्णिमा महोत्सव धुमधाम के साथ मनाया गया।
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