गाजीपुर। यूपी पुलिस में कार्यरत कॉन्स्टेबल को कितने साल बाद मिलता है। आरक्षी को भी मिल सकता है दारोगा बनने का मौका उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग के द्वारा अरुण कुमार को फित्ती लगाकर दीवान के पद पर पदोन्नति किया गया। जब की सब इंस्पेक्टर महेंद्र यादव को एक स्टार लगाकर इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति किया गया। इसके लिए यूपीपीआरपीबी ने राज्य सरकार को सिपाही (कांस्टेबल) पदों पर भर्ती आयोजित कराए जाने का प्रस्ताव भेज दिया है। सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही कोतवाली जमानियां में क्षेत्राधिकारी विधि भूषण मौर्य तथा कोतवाली प्रभारी महेंद्र सिंह के द्वारा अरुण कुमार सिपाही को फित्ती लगाकर दीवान पद पर पदोन्नति किया गया। वही सब इंस्पेक्टर महेंद्र यादव को एक स्टार लगाकर इंस्पेक्टर पद पर पदो उन्नति किया गया। पदोन्नति किए जाने पर खुशी का ठिकाना नही रहा है। बताया जा रहा है। कि पुलिस विभाग में बतौर सिपाही भर्ती होने वाले शख्स को कितने प्रमोशन मिलते हैं और प्रमोशन के आधार पर एक सिपाही को किस उच्च पद तक पहुँचने का मौका मिल सकता है। अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज आप को सिपाही पद पर भर्ती हुए पुलिस के जवान को किस हाई लेवल तक पहुँचने का मौका मिलता है। अभ्यर्थी सरकारी नौकरी के लिए कराई जाने वाली परीक्षाओं में पूछे जाने वाले करेंट अफेयर्स के सवालों की पक्की तैयारी करने के लिए अभ्यर्थी सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत से गुजरना पड़ता है। इस बाबत क्षेत्राधिकारी विधि भूषण मौर्य ने बताया कि अगर किसी अभ्यर्थी का चयन पुलिस में बतौर सिपाही (कांस्टेबल) के रूप में होता है तो उसे न्यूनतम दस वर्षों तक इसी पद पर अपनी सेवाएं देनी होती हैं। जिसके बाद कैंडिडेट्स का प्रमोशन हेड-कांस्टेबल के रूप में किया जा सकता है। इसके बाद एक हेड-कांस्टेबल के रूप में कार्य करते हुए आपको कम से कम पाँच साल तक काम करना होता है। कोतवाली प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट करने के लिए उचित माना जाता है जहां रहते हुए उसे कुछ वर्षों तक अपनी सेवाएं देनी होती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कार्य शैली और क्षमता के आधार पर जल्दी प्रमोशन मिलते हैं ऐसे में वे इंस्पेक्टर पद तक का सफर तय कर लेते हैं।
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