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केंद्र और यूपी में भाजपा की दो बार बनीं सरकार लेकिन नहीं खिला नगर पंचायत जंगीपुर में कमल का फूल   

गाजीपुर। नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही नगर पंचायत जंगीपुर में अध्यक्ष व सभासद पद के प्रत्याशी सुबह शाम मतदाताओं के दरवाजे पर अपनी हाजिर लगा रहे हैं जिससे नगर क्षेत्र मे चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। बात की जाए नगर पंचायत जंगीपुर कि तो जनवरी 1978 मे शासन द्वारा पहली बार इसकी आधार शिला रखी गई। इसके पहले यह क्षेत्र ग्राम प्रधानी में आता था। नगर पंचायत जंगीपुर में जब से नगर पंचायत का चुनाव हो रहा है तब से आज तक एक बार भी भाजपा का परचम नही लहराया हैं! व्यापारी वर्ग के वोटरों के बदौलत भाजपा नगर निकाय के चुनावो मे जहा नगर निगम नगर पालिका और नगर पंचायतो में अपना कब्जा जमाई हुई हैं वही जंगीपुर नगर पंचायत में आज तक अपना कब्जा नही जमा सकी चुकी यहां सबसे अधिक बनिया वर्ग का वोट है उसके बाद भी भाजपा प्रत्याशी यहां बड़े अंतरो से हारता हैं! नगर पंचायत क्षेत्र मे कुल वोटरो की संख्या 11837 है जिसमे पुरुषों की संख्‍या 6263 और महिलाओं की संख्‍या 5574 है। नगर पंचायत जंगीपुर में जहा हिंदू मतदाताओं की संख्या 64.91प्रतिशत हैं वही मुस्लिम वोटरों की संख्या 34.89प्रतिशत है! वही बनिया वर्ग के वोटो की संख्या सबसे अधिक होने के बाद भी यहां से भाजपा बार बार हार जाती हैं कारण ये हैं कि यहां के मतदाताओं का मानना है कि यह घर का चुनाव हैं और घर के चुनाव मे सिम्बल नही प्रत्याशी का चेहरा देखा जाता हैं इसी कारण आज तक जो भी नगर पंचायत का अध्यक्ष हुआ वो निर्दल हुआ! यहां पर सामान्य वर्ग वोटरो की संख्या जहा बहुत कम हैं वही बनिया मतदाता सबसे अधिक हैं उसके बाद मुस्लिम वोटरों की अच्छी खासी संख्या हैं वही यादव हरिजन कुम्हार राजभर वोटरो कि संख्या भी कम नही हैं जो चुनाव में समीकारण बनाने और बिगाड़ने का काम करते हैं। पहली बार 1992मे नगर पंचायत के हुए चुनाव मे बैजू सिंह यादव ने दूसरे नंबर पर रहे कामनिषठ पार्टी के प्रत्याशी मरहूम डा.एम.ए अंसारी सहित भाजपा के पारस नाथ गुप्ता भारी मतों से चुनाव हराकर अध्यक्ष बने! वही 1997में डा. एम. ए अंसारी की पत्नी नूरजहां बेगम ने कमनिष्ठ पार्टी के बैनर तले बैजू सिंह यादव सहित भाजपा के संत लाल गुप्ता को हराया था! वही 2002में बैजू सिंह यादव ने निर्दल प्रत्याशी पीरमुहम्मद राईनी को हराकर दूसरी बार निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीता था! 2007के चुनाव में पीरमुहम्मद राईनी के इन्तकाल के बाद उनके छोटे भाई ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में बैजू सिंह यादव को हराकर चुनाव जीता! वही मात्र एक बार बसपा प्रत्याशी सत्यनारायण गुप्ता ने सिम्बल के बल पर 2012में आसमुहम्मद राईनी को हराकर बसपा का झंडा गाड़ा था! वही 2017के हुए चुनाव में पिछड़ा महिला सीट होने से समाजवादी पार्टी में बतौर पद पर रहते हुए लालजी गुप्ता ने अपनी पत्नी विजयलक्ष्मी गुप्ता को चुनाव मैदान में निर्दल प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया जो बसपा की प्रत्याशी मीना गुप्ता को हराकर चुनाव जीतीl इन सभी चुनावो में भाजपा के प्रत्याशियों की जमानत तक नही बच पाई। इस बार भी नगर पंचायत का चुनाव पिछड़ी महिला सीट होने की वजह से जहा भाजपा से श्यामबली गुप्ता की पत्नी अंबू गुप्ता का नाम प्रमुख चर्चा में हैं वही बसपा से मीना गुप्ता हैं वही समाजवादी पार्टी से सपा नेता चंद्रभान गुप्ता के भाई की पत्नी नेहा गुप्ता सहित कांग्रेस से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी महबूब निशा का नाम आ रहा हैं। सूत्रों के अनुसार इस बार नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में चेयरमैन के कार्यों ने नाखुश अपने वोटरों की संख्या को खिसकता देख पूर्व में सपा के नेता रहे लालजी गुप्ता निवर्तमान अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गुप्ता को इस बार भाजपा से चुनाव लड़ाने कि गोटी सेट कर रहे हैं वहीं भाजपा के नेताओ का कहना हैं कि इस बार दाल नही गलेगा जो पिछले बार भाजपा का प्रत्याशि रहा हैं वही रहेगा! वही नौजवानों में अपनी एक अलग पकड़ रखने वाले व दो बार के चेयरमैन रहे बैजू सिंह यादव के नाती छात्र संघ पूर्व अध्यक्ष अमरजीत यादव अपनी माता उषा यादव को निर्दल प्रत्याशी मैदान में उतारा है। भाजपा से रीता कुशवाहा पत्‍नी सुनील कुशवाहा, अम्‍बू गुप्‍ता पत्‍नी श्‍यामबली मद्देशिया, शैल कुमारी, ममता गुप्‍ता पत्‍नी सुनील मद्देशिया, बसपा से मीना गुप्‍ता पत्‍नी श्‍यामनारायण गुप्‍ता, नेहा गुप्‍ता भयो चंद्रभान गुप्‍ता, कांग्रेस से महबूत निशा टिकट की दौड़ में है।

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