शिवकुमार
गाजीपुर। आलू किसानों की भलाई के लिए चलाये जा रहे योगी सरकार द्वारा ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत जारी 17 जिलों की सूची में गाजीपुर जनपद का नाम नहीं होने से जिले के किसान और कोल्ड स्टोरेज मालिक काफी निराश व उदास हैं। किसानों का कहना है कि गाजीपुर जिला आलू पैदावार के मामले में प्रदेश में अपना स्थान रखता है। सरकार द्वारा ऑपरेशन ग्रीन योजना के तहत जिले का नाम न शामिल करना सौतेला व्यवहार करना है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश कोल्ड स्टोरेज यूनियन के सचिव ओमप्रकाश गिरी व जिलाध्यक्ष राजन सिंह ने बताया कि हमारे जनपद में 38 कोल्ड सटोरेज हैं। जिले में छोटे-छोटे रकबा के आलू किसान हैं। विकट परिस्थितियों के चलते लगातार पांच-छह सालों से कोल्ड स्टोरेज घाटे में चल रहे हैं। कभी रेट के चलते तो कभी ज्यादा उत्पादन के चलते। उन्होने बताया कि हम सभी कोल्ड स्टोरेज मालिक नियम और मानक का पालन कर रहे हैं। लेकिन जब अनुदान की पारी आयी तो गाजीपुर का नाम हटा दिया गया। ओमप्रकाश गिरी ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि दूसरे जनपद के जितने भी आलू हैं हम सभी आलूओं को रखने के लिए तैयार हैं। लेकिन हम लोगों को भी सरकारी अनुदान की सहायता मिले। मुहम्मदाबाद क्षेत्र के सुल्तानपुर ग्रामसभा के आलू किसान और पूर्व ग्राम प्रधान अविनाश प्रधान ने पूर्वांचल न्यूज डाट काम को बताया कि हमारे जनपद के सभी तहसीलों में आलू का उत्पादन होता है और यहां पर कोल्ड स्टोरेज भी पर्याप्त संख्या में है, ऐसे में गाजीपुर का नाम अनुदान सूची से बाहर रखा गया है यहं गंभीर विषय है। जनप्रतिनिधि या अधिकारी गाजीपुर का पक्ष सही ढंग से नही रखे होंगे जिसके चलते गाजीपुर का नाम सूची से बाहर हो गया है। इशिता कोल्ड स्टोरेज पीथापुर गाजीपुर के निदेशक शिवम यादव ने बताया कि लगातार कई वर्षों से कोल्ड स्टोरेज घाटे में चल रहा है। खर्च लगातार बढ़ रहा है और आमदनी सीमित होती जा रही है जिसके चलते कोल्ड स्टोरेज मालिक भुखमरी के कगार पर आ गये हैं। किसानों को पर्याप्त सुविधा देने के बावजूद भी किसान आलू लेकर कोल्ड स्टोरेज नहीं पहुंच रहे हैं। अभी तक भंडारण क्षमता का केवल 15 प्रतिशत ही आलू रखा गया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि यह राजनैतिक द्वेश भरा सरकार का निर्णय है। गाजीपुर का किसान समाजवादी किसान है और सरकार को भाजपाई किसान चाहिए।