गाजीपुर। शहर के झुन्नूलाल चौराहा स्थित प्रतिष्ठित अग्रसेन मैरिज हाल पर कब्जा को लेकर रविवार की शाम को अग्रवाल समाज आक्रोशित हो गया। श्री अग्रसेन हितकारिणी समिति परसपुरा गाजीपुर के अध्यक्ष अजय अग्रवाल, उपाध्यक्ष अतुल अग्रवाल, उप मंत्री संदीप अग्रवाल के नेतृत्व में अग्रवाल समाज के लगभग 60 से 70 लोग विजय अग्रवाल मुर्दाबाद, रोहित अग्रवाल मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए अग्रसेन मैरिज हाल झुन्नूलाल चौराहा पर पहुंचे और मैरिज हाल के मेन गेट पर जंजीर लगाकर आधा दर्जन ताला बंद कर दिया। इस संदर्भ में अजय अग्रवाल उर्फ पप्पू अग्रवाल, संदीप अग्रवाल उर्फ रिंकू अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि 1978 में श्री अग्रसेन हितकारिणी समिति परसपुरा गाजीपुर के नाम से यह संस्था रजिस्टर्ड है। संस्था ने मैरिज हाल का निर्माण कराया। जिससे कि समाज के लोगों का मांगलिक कार्यक्रम, होली मिलन समारोह, महाराजा अग्रसेन जयंती जैसे कार्यक्रम कराये जा सके। तबसे लेकर आजतक यह कार्य सुचारु रुप से चल रहा था। विकट परिस्थितियों व कोरोना काल के चलते 2017 में सोसाईटी का चुनाव नही हो पाया। इस अवसर का लाभ उठाते हुए विजय अग्रवाल और रोहित अग्रवाल ने कुटरचित कर नई संस्था के नाम से रजिस्ट्रेशन कराकर पुराने सदस्यों को निकालकर अपने सगे-सम्बंधियों को सदस्य बनाकर अग्रसेन मैरिज हाल पर कब्जा कर लिये हैं। बाईलाज के विरुद्ध जाकर गैरकानूनी तरीके से धनउगाही का अड्डा बना लिये हैं। आज समाज की बैठक थी तो वह लोग ताला बंदकर के गायब हो गये हैं। जिससे पूरे समाज के लोग आक्रोशित हो गये हैं और इनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए मेन गेट पर ताला बंद कर दिया गया है। अजय अग्रवाल ने कहा कि समय रहते हुए अगर गैरकानूनी कार्य करने वाले लोग समाज के सामने माफी नहीं मांगते हैं और बैठक में भाग नही लेते हैं तो हम लोग प्रशासन के पास जायेंगे और विधि संवत कार्यवाही करेंगे। इस अवसर पर अशोक अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल, आशीष सेठ, अंशु अग्रवाल, भागवत दास, आनंद जी अग्रवाल, अंजू अग्रवाल, बीना अग्रवाल सहित करीब 60-70 की संख्या में अग्रवाल समाज के लोग मौजूद थे। इस संदर्भ में विजय अग्रवाल ने बताया कि मेरे उपर लगे आरोप निराधार है। मेरे पास समिति के रजिस्टर्ड प्रमाण पत्र व कागजात हैं अगर विरोधियों के पास कोई वैध कागज है तो दिखायें। सोसाईटी का समय से रेनुअल होता है और आय-व्यय की आडिट होती है। विजय अग्रवाल ने बताया कि हमारे चाचा अभय अग्रवाल ने इस संस्था को अग्रवाल समाज की सेवा के लिए बनाया था। विरोधियों को भी अवसर दिया गया लेकिन वह अपना कार्य ठीक से नही कर पाये जिसके चलते हमारे परिवार को यह कदम उठाना पड़ा।