गाजीपुर। सैदपुर ब्लाक के बभनौली स्थित बिछुड़न नाथ महादेव धाम पर महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर शिवपार्वती के जयमाल की झांकी प्रस्तुत की गई। शिव पार्वती के विवाह का साक्षी बने देवगणों ने पुष्पवर्षा कर भोलेनाथ के विवाह का उत्सव मनाया। काशी रंगमंच कला परिषद सिधौना की टीम द्वारा मंचित रामलीला को देख लोग मंत्रमुग्ध हुए। महाराज जनक के दरबार में स्वयंवर के रंगभूमि का दृश्य और उत्कृष्ट मंचन से लोग आनंदित हो रहे थे। रावण और वाणासुर का रोमांचक संवाद, नारद मुनि का कौतुक संग धनुष भंग न होने पर जनक जी के रोल में विन्देश्वरी सिंह के संताप को सुनकर लोग भावुक हो गए। लक्ष्मण जी आक्रोश पर श्रीराम जी के धनुष तोड़ने पर जमकर आतिशबाजी हुई। श्रीराम सीता के वरमाला दृश्य पर भीड़ से पुष्पवर्षा होने लगी। परशुराम की के रौद्र रूप देख लोग सहम उठे। परशुराम लक्ष्मण के रोचक संवाद के पर लोग ताली बजाते रहे। परशुराम जी द्वारा श्रीराम को पहचानने पर सीता राम के अदभुत झांकी की आरती उतारी गई। मानस मर्मज्ञ नीलमणि शास्त्री ने कहा कि सदियों से शिव परिवार भारतीय संस्कृति और संयुक्त परिवार प्रथा के प्रेरणा स्रोत रहे है। इस परिवार के सभी सदस्य देवताओं की तरह पूजे जाते हैं। भगवान शिव संपूर्ण ब्रह्मांड के पिता और उनकी पत्नी देवी पार्वती ब्रह्मांड की जननी हैं। शिव परिवार आपसी विसंगतियों के बीच संतुलन का अदभुत उदाहरण है। जिस घर में शिव परिवार का चित्र लगा होता है वहां आपस में पारिवारिक एकता, प्रेम और सामजस्यता बनी रहती है। आयोजक लक्ष्मीमणि शास्त्री ने कहा कि शिव परिवार की कथाएं उच्चतम मानवीय मूल्यों की प्रशंसा कर हमें आदर्श परिवार का मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इनके अद्वितीय विवाह, वरदान और श्रापों के माध्यम से हमें समग्र ब्रह्मांड के कर्तव्य और नियंत्रण की महत्वपूर्णता का आदेश मिलता है। बिछुड़न नाथ धाम पर वृहद मेले का आयोजन किया गया। भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन कर मेले का आंनद लिया।
