गाजीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र आंकुशपुर के प्रशिक्षण हाल में अनुसूचित जाति उप योजना (एस.सी.एस.पी.) के अंतर्गत इक्कीस दिवसीय माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन केंद्र के प्रशिक्षण हाल में हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग़ाज़ीपुर के विभिन्न ब्लॉकों के 15 महिला एवं पुरुष प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग कियाA इस प्रशिक्षण प्रशिक्षण के अंतर्गत मालियों से जुड़ी सैद्धांतिक व प्रायोगिक तमाम जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान की गई। कार्यक्रम के उदघाटन सत्र में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्य्क्ष डॉ जे पी सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न फलदार पौधों का कलम तैयार करने, प्रोट्रे में सब्जियों की स्वस्थ पौध तैयार करने की विधि, नर्सरी उत्पादन, प्रवर्धन, लैंडस्केपिंग एवं गार्डनिंग, सचाई व खाद प्रबंधन, खरपतवार एवं बीमारियों से बचाव आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। डॉ. सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद प्रतिभागी नर्सरी विधा में निपुण होकर कम समय में अपना कारोबार स्थापित कर व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें स्वावलंबी जीवन की ओर ले जायेगा। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ऐ के सिंह ने बताया कि बागवानी खेती में आम, फल- फूल, कलमी पेड़ तैयार कर किसान कैसे लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज के युग में फूल का बहुत बड़ा महत्व है। कम खेती में फूलों की वैज्ञानिक विधि से खेती करके अधिक आमदनी ली जा सकती है। प्रशिक्षण समन्वयक डा0 शशांक सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को नर्सरी प्रबंधन, रूटिंग मीडिया हेतु मृदा मिश्रण तैयार करना, फल वृक्षों का पौध प्रवर्धन तकनीक, कलम द्वारा फल वृक्षों का प्रवर्धन, गूटी विधि द्वारा पौध तैयार करने के साथ-साथ विनियर कलम विधि एवं भेंट कलम विधि द्वारा आम का पौध तैयार करना, सजावटी पौधों का प्रवर्धन आदि विषयों पर माली से जुड़ी सैद्धांतिक व प्रायोगिक तमाम जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षणार्थियों को राजकीय वन विभाग नर्सरी, राजकीय उद्यान नर्सरी, हाईटेक नर्सरी आंकुशपुर आदि प्रमुख उद्यानों का भ्रमण कराया गया। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नरेंद्र प्रताप ने सब्जियों के उन्नत बीजों की पहचान एवं विभिन्न उच्च उपज वाली रोग प्रतिरोधी प्रजातियों के विषय में विस्तार से चर्चा किया। केंद्र के अभियंत्रण वैज्ञानिक डॉ शशांक शेखर ने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को लॉन की स्थापना एवं उसकी देख-रेख, बागवानी लगाने के लिए लेआउट बनाने की विधि, बागों में आधुनिक सिंचाई प्रबंधन इत्यादि तकनीक की जानकारी दी गई। जाएगी। कार्यक्रम के समापन में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्य्क्ष डॉ जे पी सिंह द्वारा प्रशिक्षुओं को इस इक्कीस दिवसीय माली प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण होने के उपरांत प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
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