गाजीपुर। सनबीम स्कूल, महाराजगंज गाजीपुर में सोमवार को स्पीक मैके तथा फाउण्डेशन डे का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें कथक एक शास्त्रीय नृत्य शैली का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रसिद्ध कलाकार श्री रूद्र शंकर मिश्रा द्वारा छात्रों एवं अभिभावकों के समक्ष कथक शास्त्रीय नृत्य की भव्य प्रस्तुति की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के चेयरमैन श्री केपी सिंह जी तथा कथक कलाकार श्री रूद्र शंकर मिश्रा में द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। स्पीक मैके भारतीय विरासत के विभिन्न पहलुओं के प्रति जागरूकता एवं औपचारिक शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य विगत कई वर्षों से कर रहा है। भारतीय और वैश्विक सांस्कृतिक परंपराओं में डूबे हुए अनुभवों के माध्यम से यह, युवा मनतव्यों को उनमें समाहित मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है। क्लासिकल संगीत और नृत्य लोक कलाए, कविता थियेटर, पारंपरिक कला और योग में प्रशिक्षित कलाकारों द्वारा प्रदर्शन कराकर, स्पीक मैके इन कला प्रपंचों की सुंदरता, ग्रेस और ज्ञान के लिए एक गहरी सराहना को बढ़ावा देने का प्रयास करता है, जो व्यक्तियों को समर्थ जीवन जीने के लिए प्रभावित करता है स्पीक मैके के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को बेहतर व्यक्ति, तथा भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस अवसर पर छात्रों ने कथक शास्त्रीय नृत्य से सम्बन्धित विभिन्न बारीकियों को देखा और सीखा तथा कार्यक्रम की समाप्ति पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे तथा कथक शास्त्रीय नृत्य के प्रति गहरी रुचि दिखाई। इस अवसर पर जिले के मीडिया पत्रकार दैनिक जागरण से दिनेश जी हिन्दुस्तान से तनवीर जी और अमर उजाला से विनोद पाण्डेय जी ने कलाकार श्री रूद्र शंकर मिश्रा से कथक नृत्य के व्यावहारिक ज्ञान से सम्बन्धित कुछ सवाल भी किये। तत्पश्चात् विद्यालय के चेयरमैन श्री केपी सिंह जी से बच्चों ने छात्रों, अभिभावकों, अध्यापकों और विद्यालय से सम्बन्धित कुछ प्रश्न पूछे जिसका उत्तर बहुत ही सहज भाव से माननीय द्वारा दिया गया और बच्चों का हौसला आफजाई भी किया गया। आज के कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों ने मंच पर उपस्थित होकर कथक शास्त्रीय नृत्य के द्वारा वातावरण को इस तरह स्थापित किया कि दर्शक तत्कालिक वातावरण में भी पूरी तरह से कार्यक्रम के साथ जुड़े रहे। कार्यक्रम के सगीत, तथा उनके भाव भंगिमाओं के मिले-जुले कौशल को देखकर उपस्थित जनसमूह सम्मोहित होकर कार्यक्रम का रसास्वादन कर रहा था। कथक नृत्य भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में से एक है जो उत्तर भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इसकी उत्पत्ति उत्तर भारत के काठियावाड राज्य से हुई है और इसे कथक के नाम से पुकारा जाता है, जिसका अर्थ होता है कहानी सुनने वाला। कथक नृत्य की पहचान उसकी गतियों, ताल और भावात्मक अभिव्यक्ति से होती है। इसमें बारीक तालमी और अभिव्यक्ति स्थिरता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस नृत्य के कई रूप होते हैं, जिसमें गति, मुद्राएँ, और नाल का उपयोग होता है। आधुनिक कथक में कई बार अभिनेता भी अपनी रचनात्मकता को प्रकट करने के लिए नाटकीय आधारित अद्यतन करते हैं। अतिथियों एवं कलाकारों का स्वागत करते हुए विद्यालय के निदेशक श्री नवीन सिंह जी की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्या श्रीमती अर्चना कुमारी ने किया। कार्यक्रम के संचालन की शुरूआत विद्यालय की उपप्रधानाचार्या श्रीमती तहसीन आब्दि के द्वारा किया गया। तत्पश्चात् सह संचालक राजसी कक्षा 10 एव वैभवी कक्षा 10 ने कार्यक्रम को संचालित किया। इस अवसर पर स्पीक मैके के संयोजक रूद्र शंकर मिश्रा एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन केपी सिंह डिप्यूटी डायरेक्टर शोभा सिंह निदेशक नवीन सिंह सह निदेशक प्रवीण सिंह जी विद्यालय की प्रधानाचार्या अर्चना कुमारी उप प्रधानाचार्या एकेडमिक हेड एक्टिविटी इंचार्ज तथा समस्त को-आर्डिनेटर, आफिस कर्मचारी, अध्यापकगण, एवं विद्यालय के समस्त कर्मचारीगण के साथ-साथ अभिभावकगण भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।
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