शिवकुमार
गाजीपुर। लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। सभी राजनैतिक दलों में सरगर्मी चरम पर है। समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है अब भाजपा और बसपा के प्रत्याशी के लिए मंथन जोरों पर है। चर्चाओं के बीच जिले के दिग्गज समाजवादी नेता अखिल भारतीय पठान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष हैदर अली टाईगर बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती जी से राजधानी में मिले। इस मुलाकात की चर्चा पूरे पूर्वांचल में जोरों पर हो रही है। हैदर अली टाइगर अल्पसंख्यकों के मजबूत नेता माने जाते हैं। हैदर अली टाइगर ने 1993-94 में पुलिस की नौकरी से वीआारएस समाजसेवा से जुड़ गये। हैदर अली टाइगर के दादा सईद खां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। जिन्होने देश की आजादी में अपनी कुर्बानी दी थी। टाइगर के पिता भारत भीम के उपाधि से सम्मानित पहलवान शम्सुद्दीन खां की गिनती देश के बड़े पहलवानों में होती थी। उनकी कुश्ती समकालीन पहलवान मंगला राय और गामा पहलवान से भी हुई थी। मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले हैदरअली टाइगर शीघ्र ही लोकप्रिय हो गये। अल्पसंख्यक होने के नाते उनके उपर मुलायम सिंह यादव की नजर पड़ी और वह साइकिल पर सवार हो गये। पार्टी ने उन्हे प्रदेश सचिव के पद पर मनोनित किया। लगभग दो दशकों तक पार्टी की सेवा करने के बाद उन्हे कोई हाईकमान से अवसर नही मिला तो इनका मन काफी दुखी हो गया। अपने शुभचिंतकों के राय पर वह बहन जी से मिले। जिसकी चर्चा पूरे जिले में जोरों पर है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर बसपा हैदर अली टाइगर पर दांव लगाती है तो बसपा के कोर वोटों के साथ अल्पसंख्यक मिलकर कोई भी करिश्मा कर सकते हैं।