गाजीपुर। साहित्य उन्नयन संघ के आमघाट, गाजीपुर स्थित जिला कार्यालय पर गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर एक विशेष काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कुलमिलाकर आठ भाषाओं में विभिन्न राज्यों से जुड़े हुए रचनाकारों ने रचना पाढ़ कर अनेकता में एकता का एक बड़ा संदेश देने का काम किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि दिलीप कुमार चौहान बागी ने सुनाया कि – न खुद के लिए न ज़माने के लिए ज़िन्दा हूँ कर्ज़ वतन का मैं चुकाने के लिए ज़िन्दा हूँ, मेरे चिते की राख को जरा हवा दे देना यारों, सुलगकर आग फिर से लगाने के लिए ज़िन्दा हूँ । प्रेम उपाध्याय ने संस्कृत में, मनोज पाण्डेय हिंदी में, पार्था दास बांग्ला में, शम्स अख्तर उर्दू में, सेबी अँग्रेजी में, सर थॉमस तमिल में, सर जेकब मलयालम में, सुनील राय भोजपुरी में काव्य पाठ करते हुए उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उमेश सिंह एवं आनंद पांडेय द्वारा विचार प्रकट किए गए। कार्यक्रम का संचालन कवि दिलीप कुमार चौहान बागी एवं अध्यक्षता वरिष्ठ प्रवक्ता प्रेम उपाध्याय ने की। इस अवसर पर आनंद पैट्रिक, पंकज गुप्ता, चंद्रदीप मौर्य, शमशेर यादव सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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