शिवकुमार
गाजीपुर। डेंगू,टायफाइड जैसे महामारी और बड़े-छोटे ऑपरेशनो के लिए वरदान साबित हो रहा है महर्षि विश्वामित्र स्वशासी मेडिकल कालेज गाजीपुर। सितंबर, अक्टूबर व नवंबर माह में करीब 1 लाख 60 हजार मरीजो ने सरकारी रसीद कटवाकर इलाज करवाया है। डेंगू व टायफाइड महामारी के चरम पर जब मेडिकल कालेज में पूरा बेड मरीजो से फुल हो गया तब मेडिकल कालेज के प्रिसिंपल प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार मिश्रा ने दिन-रात एक कर मेडिकल कालेज में बड़े तादात में वैकल्पिक बेडो की व्यवस्था कर सभी चिकित्सको को इलाज के लगाया और उसमें सफलता भी मिली जिससे हजारो की तादात में महामारी से पीडि़त मरीज आये और स्वस्थ् होकर अपने घर वापस गये। महामारी के चरम पर प्रतिदिन ढाई से तीन हजार मरीज ओपीडी के लिए आते थे। मेडिकल कालेज में जो इलाज और जांच निशुल्क हो जाता है वह प्राईवेट अस्पताल में करीब 50 हजार रूपये खर्च कर इलाज होता है। मेडिकल कालेज के बढ़ती इलाज की लोकप्रियता से गाजीपुर में नर्सिंग होम और झोलाछाप डाक्टरो का धीरे-धीरे बाजार खत्म हो रहा है, क्योंकि जो ऑपरेशन प्राईवेट हास्पिटलो में 40 से 50 हजार से लाखो रूपये में होता है वह ऑपरेशन मेडिकल कालेज में केवल 400 रूपये की सरकारी रसीद पर बड़ा-बड़ा ऑपरेशन हो जाता है। खुद प्रिंसिपल डॉ. आनंद मिश्रा मेडिकल कालेज के व्यव्स्था को चुस्त-दुरूस्त रखने के लिए दिन कई बार, यहां तक की रात में भी राउंड करके मरीजो के स्वास्थ्य और इलाज के बारे में जानकारी लेते है। डॉ. आनंद मिश्रा ने जिस तरह से कोरोना काल से लेकर डेंगू के महामारी में गाजीपुरवासियो के इलाज के लिए तत्पर रहें उनके कार्यप्रणाली की चर्चा पूरे जिले में होती है कि उन्होने भगीरथ प्रयास करके इस महामारी से जनपदवासियो को बचाने में हर संभव प्रयास किया है। इस संदर्भ में प्रोफेसर डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता मेडिकल कालेज में आये हुए मरीजो का सही तरीके से उचित इलाज हो। कोरोना काल से लेकर डेंगू के महामारी में भी हमारे चिकित्सको और मेडिकल स्टाफ टीम ने जिस तरह से कठिन परिश्रम करके कार्य किया यह सराहनीय है और आगे भी हम लोग जनपदवासियो की सेवा करते रहें। मेडिकल कालेज में हर तरह की सुविधाएं जैसे आधुनिक ऑपरेशन थिएटर, पैथोलॉजी, सिटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, आक्सीजन प्लांट आदि हर सुविधाएं एक छत के नीचे मौजूद है।