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सीएमओ गाजीपुर ने जारी किया शीतलहर से बचाव के गाइडलाइन

गाजीपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया है कि उपसचिव उ0प्र0 शासन द्वारा शीतलहर एवं ओले पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन द्वारा स्वास्थ्य संबंधी निर्देश दिये गये है। शीतलहर एवं ओला से बचाव हेतु क्या करें/क्या न करें, शीत लहर के पूर्व शीत लहर की आशंका के दौरान स्थानीय मौसम संबंधी भविष्यवाणी/सूचनाओं हेतु स्थानीय रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों के संपर्क में रहें। सर्दी से बचाव हेतु पर्याप्त कपड़ों का इंतजाम रखें, बहुस्तरीय पोशाक अधिक सहायक होते हैं। आकस्मिक आपूर्ति के सामान तैयार रखें। अत्यधिक सर्दी की अवस्था में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों जैसे फ्लु, बहती नाक इत्यादि की आशंका बढ़ जाती है ऐसी अवस्था में तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें। शीतलहर के दौरान, मौसम संबंधी जानकारियों और परामर्श का पालन करें। शीतलहर के दौरान घर में रहे और कम से कम यात्रा करें। अपने आप को सुखा रखें और बहु स्तरीय ढीले उनी कपड़े , अपने सर, गला, हाथ और पैरों को ढंक कर रखें। ताजा एवं पौष्टिक भोजन करें। विटामिन सी की प्रचुरता वाले फल और सब्जी का अधिक सेवन करें जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तथा तापमान को नियंत्रित रखती है। नियमित अंतराल पर गर्म पेय पदार्थ का सेवन करें जो कि शीतलहर के दौरान शरीर के तापमान को नियत रखते है। पीने हेतु पानी का पर्याप्त भंडारण रखें। बच्चो, वृद्ध व्यक्तियों एवं पड़ोस में अकेले रहने वाले व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें। घरों के अंदर कोयला ना जलाएं क्योकि कोयले के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है जो कि विषैला होता है और कमरे के अंदर के व्यक्तियों की जान जा सकती है। शीतलहर की चपेट में आने से हाथों और पैर की उंगलियों में उजले/पीले धब्बे आ सकते हैं इसका विशेष ध्यान रखें। शीतलहर के दौरान शरीर के तापमान में गिरावट आने से कपकपी, बोलने एवं सोने में तकलीफ, मांस पेशियों में खिचाव सांसो में तकलीफ और अचेतावस्था हो सकती है, यह चिकित्सकीय आपात स्थिति है अतः ऐसी अवस्था में अतिशीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तत्काल गर्म स्थान पर ले जाएं और कपड़े बदले, व्यक्ति को संपर्क के द्वारा एवं कई स्तरों के कंबलों, कपड़ों तौलिया, चादर आदि से ढक कर गर्म करें। पीने के लिए गरम पेय पदार्थ दें, शराब बिल्कुल नहीं दें। स्थिति बिगड़ने पर अति शीघ्र चिकित्सीय परामर्श लें। क्या न करें। ठंड में अधिक बाहर न घूमे। शराब का सेवन ना करें क्योकि इसके सेवन से शरीर के तापमान में गिरावट आती है और रक्त वाहिनियों में विशेष तौर पर हाथों के रक्त वाहिनियों में सिकुड़न आती है। ठंड के चपेट में आए अंगों की मालिश ना करें क्योकि इससे और अधिक नुकसान हो सकता है, कपकपी को कभी नजर अंदाज ना करें क्योकि यह शरीर के तापमान के गिरावट का सूचक है, अगर ऐसा व्यक्ति अचेत हो तो उसे कोई भी पेय पदार्थ ना दें।

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