शिवकुमार
गाजीपुर। राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत और नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल के बीच शीत युद्ध चरम पर है, जिसके चलते विकास और प्रशासनिक अधिकारी मौज उड़ा रहें है और गाजीपुर नगर में भाजपा का ग्राफ निरंतर गिर रहा है। इस बात की चर्चा राजैनतिक गलियारो में जोरो पर है। विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है इस शीत युद्ध का प्रभाव चुनाव परिणाम पर पड़ने का अंदेशा है। दोनो जनप्रतिनिधियों के बीच कई मौको पर यह देखने को मिला है कि एक दूसरे को नजरअंदाज कर रहें है। राज्यसभा सांसद निधि से नगर में 40 हाईमास्ट लाईट लगाये जा रहें है जिसमें से करीब एक दर्जन सिंचाई विभाग, बंशीबाजार, छावनी लाइन, आदि स्थानो पर हाईमास्ट लाईट का उद्घाटन भी हो चुका है लेकिन उद्घाटन कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष को बुलाया तक नही गया और सांसद प्रतिनिधि, संगठन के पदाधिकारी और सभासदो ने मिलकर उद्घाटन कार्यक्रम को सम्पन्न करा दिया। वहीं कई मुद्दे ऐसे आये जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष ने भी राज्यसभा सांसद को नजरअंदाज किया है। सूत्रों की माने तो दोनो के बीच खटास पिछले विधानसभा चुनाव में पड़ गयी थी जिसमें नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने सदर विधानसभा से दमदारी से भाजपा का टिकट मांगा था, लेकिन उनको सफलता नही मिली और इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. संगीता बलवंत को बहुत ही कम मतों से पराजित होना पड़ा था। इस पराजय का कारण अंदर ही अंदर पूर्व मंत्री का खेमा तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष को ही मानता है जिसके वजह से दोनो के बीच दूरियां बढती गयी और इसका सीधा फायदा अधिकारियो को मिला जिसके वजह से गाजीपुर नगर की जनता पेयजल, सड़क आदि बुनियादी सुविधाओ के लिए परेशान और बेहाल है। दोनो नेता मंच तो साझा करते है लेकिन दिलो में दूरियां काफी बढ गयी है। इस संदर्भ में राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि अवधेश जी ने बताया कि हमारी किसी से कोई दुश्मनी नही है, वह हमारे पार्टी के जनप्रतिधि है उनका हम सम्मान करते है, भाजपा में संगठन बड़ा होता है इसलिए हाइमास्ट लाईट का उद्घाटन संगठन के पदाधिकारियो द्वारा किया जा रहा है। गाजीपुर नगर में चर्चा है कि इस शीत युद्ध का आने वाले समय में नगर के भाजपा पर जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा क्योंकि दोनो की लड़ाई में जनता बेहाल हो रही है।