गाजीपुर। मारपीट के मामले में कोर्ट में आख्या भेजने के नाम पर पीड़ित से 10 हजार रुपये घूस लेते वक्त एंटी करप्शन वाराणसी की टीम ने सोमवार को रेवतीपुर थाने के एक एसआई को रंगेहाथ दबोच लिया। इस दौरान दारोगा ने टीम के लोगों के साथ धक्का-मुक्की का भी प्रयास किया, लेकिन टीम के लोगों ने उसे पकड़कर तत्काल अपने सरकारी वाहन में बैठा लिया और सीधे शहर कोतवाली ले आये। नंदलाल यादव पुत्र चेथरु यादव निवासी कल्याणपुर थाना रेवतीपुर ने 5 अप्रैल को एंटी करप्शन ऑफिस वाराणसी में प्रार्थनापत्र देकर बताया कि 28 फरवरी को उसके पट्टीदार रामबचन और उसके बीच जमीन के विवाद में मारपीट हो गई थी। जिसके सम्बंध में मुकदमा दर्ज करने के लिए उसने 7 मार्च को न्यायालय में बीएनएस की धारा 175(3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था। उक्त प्रार्थनापत्र पर आख्या भेजने के नाम पर रेवतीपुर थाने के दारोगा लल्लन यादव उससे 10 हजार रुपये घूस की डिमांड कर रहे है। यही नहीं घूस के रुपये न देने पर वह कोर्ट में गलत आख्या भेजने की बात कह रहे है। शिकायत पर गम्भीर हुए एंटी करप्शन ऑफिस के जिम्मेदार अधिकारियों ने एसएचओ नीरज सिंह के नेतृत्व में टीम को मौके पर भेजा। सोमवार को टीम के लोग थाने के पीछे सड़क के पास खड़े थे। पहले दारोगा ने रिश्वत के रुपयों के लेने के लिए नंदलाल को बाटी-चोखा ढाबा पर बुलाया, लेकिन बाद में उसने उसे थाने के पीछे बुला लिया। यहां घूस के रुपये लेते हुए टीम के लोगों ने दारोगा को रंगेहाथ पकड़ लिया। अपने आप को फंसता देख दारोगा धक्का-मुक्की कर भागने का प्रयास किया, लेकिन टीम के लोगों ने तत्काल उसे पकड़कर अपने सरकारी वाहन में बैठा दिया और शहर कोतवाली ले आये। यहां पूछताछ में उसने बताया कि वह देवरिया जिले के ग्राम बतरौली पाण्डेय थाना खुखुदू का रहने वाला है। वर्ष 1991 में उसकी नियुक्ति कांस्टेबल पद हुई थी। वर्ष 2024 में प्रोन्नति कर वह दारोगा बन गया। एंटी करप्शन टीम के प्रभारी नीरज सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद हमलोगों ने पूरे मामले की जांच की। जांच में आरोप सत्य पाया गया। इसके बाद कार्रवाई की गई। घूस के रुपयों के साथ पकड़े गये दारोगा लल्लन यादव के खिलाफ शहर कोतवाली में विधित कार्रवाई की गई।
