शिवकुमार
गाजीपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही अन्य राजनैतिक दलों मे प्रत्याशियों को लेकर मंथन में तेजी आयी है। राजनीतिक दलों के थिंकटैंक जाति, लोकप्रियता व आर्थिक स्थिति आदि पर सिलसिलेवार विचार-विमर्श कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि विपक्ष और हाथी पर जबजब यदुवंशी सवार हुए हैं तबतब गाजीपुर लोकसभा में साइकिल पंचर हो गयी है और कमल का फूल खिला है। मनोज सिन्हा कमल के फूल पर पहली बार 1996 में गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीते थे तब सीपीआई गठबंधन से विश्वनाथ शास्त्री और बसपा से रामजनम बिंद चुनाव लड़े थे। मनोज सिन्हा ने पहली बार गाजीपुर लोकसभा में भाजपा की विजय पताका लहराई थी। इसके 13 महीने बाद 1998 में मनोज सिन्हा चुनाव हार गये लेकिन 1999 के लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा ने दूसरी बार भाजपा की विजय पताका लहराई। इस चुनाव में सपा से ओमप्रकाश सिंह और बसपा से बच्चा यादव चुनाव लड़े थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा ने तीसरी बार गाजीपुर लोकसभा में कमल का फूल खिलाया। इस चुनाव में उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी से शिवकन्या और बसपा से कैलाश नाथ यादव चुनाव लड़े थे। राजनीतिक पंडितों के अनुसार जब-जब यदुवंशियों के वोटों में बिखराव होगा तबतब गाजीपुर लोकसभा में कमल खिलने के आसार बढ़ जाएंगे।