गाजीपुर। भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में आधुनिक मीराबाई के नाम से दुनिया में विख्यात मशहूर कवियत्री महादेवी वर्मा जी की पुण्यतिथि पर महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सुहवल इंटर कालेज परिसर स्थित रामायन राय स्मृति सभागार में काव्य एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व इस अवसर पर जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने नवोदित लेखिका एवं कवियत्री अनुश्री को महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान से सम्मानित किया ।तदुपरान्त गोष्ठी मे शामिल सभी कवियों और वक्ताओं को रेवतीपुर ब्लाक के अध्यक्ष संजय कुमार श्रीवास्तव और महासभा के कोषाध्यक्ष विजय प्रकाश श्रीवास्तव ने माल्यार्पण कर एवं अंगम् वस्त्रम् प्रदान कर सम्मानित किया। विचार गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने महादेवी वर्मा जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए उन्हें हिंदी साहित्य की महान कवयित्री बताया और कहा कि समाज के पुरखों के इतिहास को जिंदा रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जो समाज अपने पुरखों को याद नहीं करता उसकी पहचान स्वत: समाप्त हो जाती है। किसी भी समाज की पहचान उसके पुरखों और महापुरुषों के इतिहास से होती है। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर समाज के सभी लोगो को बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए और इस अवसर को महापर्व के रूप में मनाना चाहिए ।उन्होंने कहा कि समाज के सभी महापुरुषों की तस्वीर अपने अपने घरों में लगायें और उनका इतिहास आने वाली पीढ़ियों को अवश्य बतावें। इस गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता डीएवी इंटर कालेज के पूर्व प्रवक्ता प्रेम कुमार श्रीवास्तव ने महादेवी जो को नमन करते हुए कहा कि महादेवी ने स्वतन्त्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। अपने काव्य में उपस्थित विरह वेदना और भावनात्मक गहनता के चलते ही उन्हें आधुनिक युग की मीरा कहा गया। उन्होंने कहा कि उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। भारत के साहित्य आकाश में महादेवी वर्मा का नाम ध्रुव तारे की भाँति प्रकाशमान है। गत शताब्दी की सर्वाधिक लोकप्रिय महिला साहित्यकार के रूप में वे जीवन भर पूजनीय बनी रहीं और पूज्यनीय बनी रहेंगी। इस अवसर पर इस कार्यक्रम के दूसरे सत्र में विचार गोष्ठी के उपरांत काव्य गोष्ठी में अपनी रचनाओं के माध्यम से कवियों ने देश में लगातार बढ़ रही धार्मिक कट्टरता, बदलती इंसानी फितरत,और समाज की कुरीतियों और कुप्रथाओं तथा राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों के लगातार गिरती नैतिकता पर तंज और व्यंग्य कहते हुए कवियों ने महादेवी वर्मा जी को नमन किया।
हास्यकवि विनय राय “बबुरंग” की कविता ” कमात केहूं सनकत केहूं बा
आ गइल जमाना अइसन
घर केहूं क पइठत केहूं बा” को श्रोताओं ने खूब पसन्द किया।
कवि विजय कुमार मधुरेश ने “सियासत के दौर में दुल्हन को कहीं लूट न लें,
डोली को सियासी कहारों से बचायें रखना”
के माध्यम से वर्तमान सियासी दौर पर तंज कसा।कवि दिनेश चंद्र शर्मा द्वारा प्रस्तुत गीत”एक गीत लिख रहा हूं,एक दर्द लिख रहा हूं ” ने भी श्रोताओं की वाहवाही लूटी।
कवि हरिशंकर पांडे ने “ऐ गाजीपुर के लोगों तुमको, जितना धिक्कारा जाये कम है “गीत के माध्यम से गाजीपुर के लोगों के सियासी समझ पर सवाल उठाया। कवि हेमन्त निर्भीक ने आज वीर अब्दुल हमीद की शहादत दिवस पर उन्हें नमन करते हुए “तिरंगे में लिपट कर देख तेरा लाल आया है,नालायक कहती थी जिसको ,वतन के काम आया है” भी खूब सराही गयी। हिंदी की महिमा का बखान करते हुए नवोदित कवयित्री अनुश्री “श्री” द्वारा प्रस्तुत
” हिंदी तुम बिन है नहीं मेरा कुछ अस्तित्व,
तेरी महिमा ने गढ़ा,
रोम- रोम व्यक्तित्व!” भी श्रोताओं द्वारा काफी पसंद की गयी।
नवगीतकार आशुतोष श्रीवास्तव ने ” क्या फ़र्क तिलक है कि श्राद्ध,
मंडप है कि श्मशानघाट,
एक अच्छी सी फोटो खिंचवा
खूब वायरल करवाता हूं ” ने भी वर्तमान दौर के समाजसेवियों पर व्यंग्य कसा
इस विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, रजनीश श्रीवास्तव,परमानन्द श्रीवास्तव,शैल श्रीवास्तव,राजेश कुमार श्रीवास्तव,मोहनलाल श्रीवास्तव,अजय कुमार श्रीवास्तव, अमर सिंह राठौर,स्वामी अनिल कुमार श्रीवास्तव, डॉ सुधीर कुमार श्रीवास्तव,शैलेन्द्र श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव,मोहन लाल श्रीवास्तव,गौरव कुमार श्रीवास्तव, केशव श्रीवास्तव,गीतांजलि श्रीवास्तव,दीपक कुमार श्रीवास्तव, आशुतोष श्रीवास्तव, सुधांशु श्रीवास्तव,अमित कुमार श्रीवास्तव,किरन कुमार श्रीवास्तव,मनोज कुमार श्रीवास्तव,प्रिंश कुमार श्रीवास्तव,सोनी श्रीवास्तव,सजल श्रीवास्तव ,आदि उपस्थित थे । इस विचार गोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव और संचालन जिला महामंत्री अरूण सहाय ने किया। कार्यक्रम के संयोजक अशोक कुमार श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार जताया।