गाजीपुर। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ ने विख्यात साहित्यकार डा. आनंद कुमार सिंह को उनकी कृति अथर्वा, मैं वही वन हूं महाकाव्य विधा के अंतर्गत 2021 के तुलसी नामित पुरस्कार से पुरस्कृत किया है। उन्हे 75 हजार रुपये की धनराशि भेंट की गयी। यह पुरस्कार साहित्यकार और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ के पूर्व निदेशक व प्रसिद्ध कथाकार सुधाकर अदीब ने शुक्रवार को प्रदान किया है। पुरस्कार वितरण समारोह में सम्मानित होने के बाद प्रोफेसर डा. आनंद सिंह ने पूर्वांचल न्यूज डाट काम को बताया कि जब कोई साहित्यकार सृजन करता है तो उसे लगता है कि उसकी रचना को कोई पढ़ नही रहा है, लेकिन पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि समाज चुपचाप अपने साहित्यकार की रचना को पढ़ता रहता है और समय आने पर उसे पुरस्कृत भी करता है। इसलिए मौन होकर साहित्यकारों को साधना करते रहना चाहिए। एक दिन पुरस्कार स्वयं उसके पास चलकर आते हैं। डा. आनंद के पुरस्कृत होने पर प्रसिद्ध होमियोपैथ चिकित्सक और साहित्यकार डा. एमडी सिंह, पत्रकार धीरेंद्र श्रीवास्तव, पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह, पूर्व कुलपति हरिकेश सिंह, प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया के कुलपति प्रो. अखिलेश, प्रो. प्रदीप कुमार शर्मा, पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह, फौजदार सिंह, शिक्षक नेता प्रो. काशीनाथ सिंह, गीतकार बुद्धिनाथ मिश्र, प्रो. विनोद मिश्र, प्रो. अमेंद्र त्रिपाठी आदि लोगों ने बधाई दी। सत्यदेव ग्रुप आफ कालेज के प्रबंध निदेशक प्रो. डा. सानंद सिंह ने सबके प्रति आभार प्रकट किया।