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श्रीराम-भरत मिलाप के मंचन से भावभिभोर हुए भक्‍तगण

गाजीपुर। अति प्राचीन श्रीरामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से स्थानीय मुहल्ला हरिशंकरी स्थित श्रीराम सिंहासन से श्री भरत जी की शोभा यात्रा बाजे गाजे के साथ 6 अक्टूबर शाम 7 बजे से शुरू होकर नगर के महाजन टोली, झुन्नुलाल चौराहा, आमघाट राजकीय महिला महाविद्यालय ददरी घाट चौक, महुआबाग, पहाड़खॉ पोखरा होते हुए सक्लेनाबाद पहुचा।बताते चले कि लीला के दौरान श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद सीता लक्ष्मण सहित हनुमान विभिषण अंगद आदि प्रमुख बानरी सेनाओं के साथ पुष्पक विमान पर आरूढ़ होकर आकाश मार्ग से अयोध्या के लिए प्रस्थान करते है।  रास्ते में भरद्वाज मुनि के आश्रम पर पुष्पक विमान से उतर कर थोड़ी देर के लिये विश्राम करते है। इसी बीच श्री हनुमान जी को संदेश देते है कि राम लक्ष्मण सीता सहित रावण पर विजय प्राप्त करके तथा ऋषि मुनियों का आशिर्वाद लेते हुए अयोध्या के लिये आ रहे है। श्रीराम के आज्ञा पाकर श्री हनुमान भरत जी के पास अयोध्या जाते है जहॉ भरत जी श्रीराम बिरह सागर मह भरत मगन मह होई बिप्र रूप धरि पवन सूत आई गयऊ राम के बियोग में बैठे थे। श्री हनुमान जी ब्राम्हण के भेष धारण कर श्रीराम की आने की सुचना देते है कि हे भरत जी आप के बड़े भ्राता श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करके पुष्पक विमान द्वारा अयोध्या के लिये प्रस्थान कर चुके है। वे रास्ते में भारद्वाज मुनि के आश्रम पे विश्राम कर रहे है। मुझे अपने आने की सूचना आप तक पहुचाने का आदेश दिये है। इतना सुनने के बाद भरत जी ब्राम्हण से कहते है। कि को तुम्ह तात् कहॉ ते आये मोहि परम प्रिय बचन सुनाये। इतना सुनने के बाद हनुमान जी ने भरत जी को परिचय सुनाया है कि हे भरत लाल जी मै आपके भाई श्रीराम का दूत हूं और मैं श्रीराम के आने की सूचना आप को देने के लिये अयोध्या आया हूं। हनुमान जी के बात को सुन करके भरत लाल जी ऑखों में ऑसु बहाते हुए कहते है कि कपि तब दरश सकल दुख बिते मिले आजु मोहि राम पिरीते। हे तात् आपको देखकर मै यहीं समझा की मेरे सामने भईया श्रीराम आये है। आपका दर्शन पाकर मेरा सभी दुख दुर हो गया। भरत जी की बात सुनकरके श्री हनुमान जी आज्ञा लेकर श्रीराम के पास लौट आते है। उधर भरत लाल जी अयोध्या वासियों के साथ प्रभु श्रीराम से मिलने के लिये भारद्वाज मुनि के आश्रम की ओर प्रस्थान कर देते है भरत जी थोड़ी ही देर में भारद्वाज मुनि के आश्रम के पूर्व ही अपने भाई शत्रुघ्न के साथ दौडते हुए जाकर श्रीराम के चरणों में गिर जाते है। श्रीराम ने अपने प्रिय भाई भरत को उठा करके अपने गले लगा लेते है। इस दृश्य को देखकर जन समुदाय हर हर महादेव जय श्रीराम के नारों से मेला क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। श्रीराम भरत का मिलनी देखकर सबको ऑखों से आंसु छलक उठे। अति प्राचीन रामलीला कमेटी के द्वारा श्रीराम भरत की मिलनी देर रात 12:15 पर सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर, अघ्यक्ष प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव एडवोकेट उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह मंत्री ओमप्रकाश तिवारी उर्फ बच्चा, उपमंत्री लव कुमार त्रिवेदी, कोषाध्यक्ष रोहित अग्रवाल, प्रबन्धक वीरेश राम वर्मा, उपप्रबंधक मयंक तिवारी, योगेश कुमार वर्मा, सरदार चरनजीत सिंह, पं0 कृष्ण बिहारी त्रिवेदी, राज कुमार शर्मा उर्फ छोटे, आदि उपस्थित रहे।

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