गाजीपुर। भावरकोल क्षेत्र के शेरपुर कला गाव स्थित रामलीला मैदान के बगल में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन वृंदावन से पधारे कथावाचक प०भुवनेशाचार्य जी महाराज शुक्रवार को भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव व श्रीराम जी की महिमा एवं पृथु महाराज के पावन चरित्र का वर्णन किया।कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। कथावाचक प०भुवनेशाचार्य जी महाराज ने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने मात्र से हर प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथावाचक ने कहा कि भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसे ग्रहण करने मात्र से ही मन को शांति मिलती है। भागवत कथा सुनने से अहंकार का नाश होता है।कथा में पृथु महाराज का पावन चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि पृथु महाराज पर प्रसन्न होकर जब भगवान दर्शन दिए तो वरदान मांगने को कहा तब पृथु महाराज ने भगवान से कहा कि प्रभु आपकी कथा इतनी मधुर है इतनी सुंदर है कि दो कानों से श्रवण करते है तो मन नहीं भरता ।है प्रभु आप मुझे वरदान देना चाहते है तो 10 हजार कान दीजिए जिससे जहां भी आपकी कथा हो मैं उनको आनंद पूर्वक श्रवण कर सकू।कथावाचक प०भुवनेशाचार्य जी ने आगे कहा कि सभी प्राणियों का परम धर्म है भगवान की निष्काम भक्ति करना जब भगवान के चरणों में भक्ति हो जाएगी तो भगवान के स्वरूप का ज्ञान हो जाएगा और जब ज्ञान हो जाएगा तो ये जो असत् रूपी संसार है जो परमात्मा की माया से सत् प्रतीत होता है इससे मोह छूट जाएगा और भगवान चरणों में लग जायेगा तब इस जीव का कल्याण हो जाएगा।इस मौके पर मुख्य यजमान त्रिवेणी राय, उमाशंकर राय ,सच्चिदानंद राय लक्ष्मण राय काका, प्रवीण राय, सत्यम राय, पवन राय,साधु राय सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
