गाजीपुर। सैदपुर ब्लाक के दरवेपुर निवासी विकास कुमार को आजमगढ़ जिले के लालगंज की जंगल से अपहरण कर्ताओं की चंगुल से बचकर दयनीय स्थिति में घर पहुचा। विकास कुमार (22) पुत्र रामचंद्र राम 29 मार्च को निजी कंपनी में नौकरी के लिए अपने घर से हरिद्वार जाने के लिए निकला था। बिहारीगंज से होते हुए सिधौना बाजार पहुचा। जहां से बस पकड़ कर कैंट रेलवे स्टेशन पर देर रात प्लेटफार्म संख्या नौ पर ट्रेन का इंतजार करने लगा। पीठ पीछे रखे बैग को लेकर भाग रहे चोरों का पीछा करते हुए प्लेटफार्म के नीचे उतरा ही था कि चोरों का दूसरे साथी ने सिर पर जोरदार प्रहार कर बेहोश कर दिया। पांच दिनों तक स्वजन पुलिस में शिकायत कर तलाश करते रहे। शोसल मीडिया सहित अन्य जगहों पर स्वजन तलाश कर रहे थे। गुरुवार को अचानक विकास की मोबाइल से फोन आने पर स्वजनों ने आजमगढ़ पुलिस की मदद से लालगंज के पास हाइवे से पांच सौ मीटर दूर पहलवान ढाबा के पास एक पुराने खंडहर से गम्भीर हालत में बरामद किया। स्वजनों के बताया कि साइकिल की चेन से गर्दन और दोनों हाथों को बांधा गया था। नायलॉन की रस्सियों से दोनों पैरों को पीछे मोड़कर कमर से बांध दिया गया था। अपहरण कर्ताओं ने पूरे शरीर के डमरू के आकार में कसकर बांध दिया था। चार दिनों तक विकास को हल्का होश आने पर अपहर्ता उसके मुंह पर स्प्रे मारकर फिर बेहोश कर दे रहे थे। स्वजनों के साथ घटनास्थल पर पहुचे पुलिसकर्मियों ने किसी तरह विकास का बंधन छुड़ाकर खानपुर थाने पर सुपुर्दगी करायी। गले में बंधे चेन को घर आने के बाद लोहे की कटर से काटा गया। तीन दिनों तक बेहोशी की हालत में रहने के कारण विकास कुछ भी बता पाने में असमर्थ है। सीओ सैदपुर अनिल कुमार ने बताया कि विकास से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ पूरी होने के बाद ही घटनाक्रम के कारणों को समझा जा सकता है।
