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गाजीपुर: गेहूं खरीद कार्यशाला में बोलें एडीएम-क्रय केंद्रो पर घूस मांगने पर टोल-फ्री नम्बर 18001800150 पर फोन करें किसान

गाजीपुर। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) दिनेश कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार गाजीपुर में रबी विपणन वर्ष 2025-26 में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत गेहूँ खरीद की कार्यशाला/प्रशिक्षण आहूत हुई, जिसमें जिला खाद्य विपणन अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक, सहकारी समितियां, जिला प्रबन्धक, पी०सी०एफ०, पी०सी०यू०, यू०पी०एस०एस०, जनपद प्रभारी, एन०सी०सी०एफ०, प्रबन्धक (डिपो), भारतीय खाद्य निगम, प्रबन्धक (गु०नि०), भारतीय खाद्य निगम, गाजीपुर, सचिव, कृषि उत्पादन मंडी समिति, जंगीपुर, समस्त मण्डी निरीक्षक, जनपद-गाजीपुर, वरिष्ठ निरीक्षक/निरीक्षक, बाट-माप विभाग, गाजीपुर, समस्त क्षेत्रीय विपणन अधिकारी/ विपणन निरीक्षक, जनपद-गाजीपुर एवं समस्त गेंहूं क्रय केन्द्र प्रभारी द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) द्वारा गेंहूँ खरीद के सम्बन्ध में निर्देश दिया गया कि  सभी केन्द्र प्रभारी बैनर में अंकित अपना मो० नम्बर खरीद अवधि में ऑन रखेंगे। जनपद मुख्यालय/तहसील मुख्यालय से रैण्डम आधार पर इसका सत्यापन कराया जायेगा। यदि मो० नम्बर बन्द पाया गया, तो सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, क्रय केन्द्र प्रभारी द्वारा क्रय केन्द्र पर पूर्वान्ह 08.00 से सायं 08.00 के मध्यम अपनी लाइव लोकेशन सम्बन्धित क्रय एजेन्सी के जिला स्तरीय अधिकारी को प्रेषित करेगें, बाट-माप विभाग द्वारा कांटो का सत्यापन किया जायेगा, मण्डी समिति कांटो की रिपेयरिंग के लिए मैकेनिक नामित करेगी तथा उसका नम्बर सभी को उपलब्ध करायेगी, किसी भी यंत्र के खराब होने की स्थिति में केन्द्र प्रभारी इसकी सूचना मण्डी सचिव को देंगे। मण्डी सचिव वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करायेंगे, किसी भी केन्द्र से किसानों को अनावश्यक वापस नहीं किया जायेगा। सभी केन्द्र प्रभारियों द्वारा किसानों से शिष्टाचार पूर्वक व्यवहार किया जायेगा। अन्यथा की स्थिति में शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी, सभी तहसील में गेंहूँ खरीद से सम्बन्धित एक-एक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जायेगा, सहकारिता विभाग के अन्तर्गत संचालित क्रय केन्द्रों पर गेंहूँ खरीद हेतु सम्बन्धित तहसील के अपर जिला सहकारी अधिकारी (ए०डी०सी०ओ०) नोडल अधिकारी रहेंगे। उनके द्वारा केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करते हुए अपने निर्देशन में केन्द्रों का संचालन कराया जायेगा। किसी भी अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने पर केन्द्र प्रभारी, एजेन्सी प्रभारी के साथ-साथ सम्बन्धित ए०डी०सी०ओ० के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी, ई-पॉप मशीन के माध्यम से वायोमैट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा क्रय केन्द्रों/मोबाइल क्रय केन्द्रों द्वारा खरीद की जायेगी,  किसान अपनी सुविधा के अनुसार अपने जनपद के किसी भी केन्द्र पर अपना गेंहूँ बेच सकेगा, स्वयं किसान नहीं आने पर पंजीकरण में जो नामित सदस्य है, उसका बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण होगा। केन्द्र प्रभारी द्वारा इलेक्ट्रानिक प्वाइंट ऑफ परचेज मशीन द्वारा निर्गत खरीद की पठनीय प्रिंटेड पावती, सम्बन्धित किसान को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जायेगी। क्रय केन्द्रों पर किसानों से गेंहूँ की खरीद कम्प्यूटराईज्ड सत्यापित खतौनी, आधार कार्ड के आधार पर की जायेगी, कृषक का गेंहूँ निर्धारित मानक के अनुरूप न होने पर यदि गेंहूँ की छनाई एवं सफाई की आवश्यकता समक्षी जाती है, तो गेंहूँ की उतराई, छनाई एवं सफाई का कार्य कृषक स्वयं कर सकेंगे। यदि क्रय केन्द्रों पर गेंहूँ की उतराई, छनाई एवं सफाई का कार्य केन्द्र पर उपलब्ध श्रमिकों द्वारा किया जाता है, तो कृषक द्वारा श्रमिकों से कराने पर वास्तविक व्यय के आधार पर वार्ता कर समझौतों के अनुरूप अथवा अधिकतम रू0 20 प्रति कु० की दर से भुगतान किया जायेगा, इस निमित्त कृषक को रू0 20 प्रति कु० की दर से पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से उसके बैंक एकाउन्ट में प्रतिपूर्ति क्रय एजेन्सी द्वारा किया जायेगा। यह भुगतान गेंहूँ के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त होगा, गेंहूँ खरीद वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत  पंजीकृत ट्रस्ट का भी गेंहूँ कय किया जायेगा। ट्रस्ट श्रेणी के अन्तर्गत गेंहूँ विक्रय हेतु ट्रस्ट के भूलेख / सत्यापित खतौनी व ट्रस्ट के संचालक/अधिकृत प्रतिनिधि के आधार कार्ड तथा पंजीकरण के समय दर्ज मोबाइल नम्बर पर ओ०टी०पी० प्रेषित कराते हुए पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी। क्रय केन्द्र पर ट्रस्ट के संचालक / अधिकृत प्रतिनिधि का बायोमेट्रिक सत्यापन कराते हुए गेंहूं क्रय किया जायेगा तथा भुगतान ट्रस्ट के बैंक खाते में पी०पी०ए० मोड के माध्यम से किया जायेगा, बटाईदार कृषकों द्वारा भी पंजीकरण कराते हुए गेंहूँ विक्री की जा सकेगी। बटाईदार कृषक व मूल कृषक/भूस्वामी के मध्य लिखित सहमति से मूल कृषक के भूलेख तथा उसके आधारलिंक्ड मोबाइल पर ओ०टी०पी० प्रेषित कर पंजीकरण कराया जायेगा, मूल स्वामी के दूरभाष पर एस०एम०एस० के माध्यम से सूचित किया जायेगा कि उसकी जमीन का पंजीकरण बटाईदार श्रेणी में किया गया है तथा वह अपना आधार नम्बर दर्ज कर बटाईदार द्वारा कराये गये पंजीकरण प्रपत्र को देख सकता है, समस्त क्रय संस्थायें अपने संशोधन से कम्प्यूटर / लैपटाप, इन्टरनेट कनेक्शन व इस निमित्त अन्य समस्त आधारभूत व्यवस्थायें समय से करेंगी तथा खरीद की रियल टाइम इन्ट्री ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जायेगी, खरीद का प्रत्येक विवरण ई-उपार्जन माडयूल पर रियल टाइम फीड करना होगा, केवल उसी खरीद को मान्यता दी जायेगी, जो ऑनलाइन फीड़ होगी। ऑफलाइन खरीद किसी भी दशा में स्वीकार नहीं की जायेगी। खरीद से सम्बन्धित केन्द्र पर समस्त व्यवस्थायें समस्त एजेन्सियों द्वारा समय से पूर्ण की जायेंगी, कृषक पंजीयन, सत्यापन, गेंहूँ खरीद, भारतीय खाद्य निगम डिपो में प्रेषण, भारतीय खाद्य निगम द्वारा प्राप्ति, एक्नालेजमेन्ट व बिलिंग इत्यादि सम्पूर्ण कार्य ई-उपार्जन के माध्यम से ऑनलाइन किया जायेगा, किसी भी दशा में ऑफलाइन कोई कार्य स्वीकार्य नहीं होगा। अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित केन्द्र प्रभारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। रवी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूँ खरीद हेतु स्थापित क्रय केन्द्र पर केन्द्र प्रभारियों द्वारा किये जाने वाले (क्वश्े) कार्य- क्रय केन्द्र प्रभारियों द्वारा सर्वप्रथम कृषकों का अभिवादन किया जाये तथा विनम्रता से पेश आयें, क्रय केन्द्र प्रभारियों द्वारा कृषकों से मित्रवत् व्यवहार किया जाये, केन्द्र का माहौल इस प्रकार रखा जाये कि कृषकों को लगे कि उनका सम्मान हो रहा है, केन्द्र पर कृषकों के लिए शीतल पेयजल के साथ गुड़ की भी व्यवस्था की जाये, अपने क्रय केन्द्र पर ऐसा बैनर लगायें, जिससे किसानों को गेहूँ खरीद से सम्बन्धित आवश्यक जानकारी प्राप्त हो सके, एक अतिरिक्त बैनर लगाया जाये, जिसमें मोटे अक्षरों में उल्लेख हो कि ‘‘अगर कृषक से कोई अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार या श्रमिक अनुचित मांग करता है तो टोल-फ्री नम्बर 18001800150 पर सूचना दी जाये।‘‘ विक्रीत मूल्य का भुगतान 48 घण्टे में किया जाये। बैनर पर यह सूचना अंकित किया जाये,  कृषक को यह भी अवगत कराया जाये कि वह अपने जिस बैंक खाते में भुगतान चाहता है, उस खाते को एन०पी०सी०आई० से सम्बन्धित बैंक प्रबन्धक के माध्यम से मैप करा ले, किसानों को मोबाइल क्रय केन्द्र की जानकारी दी जाये तथा पंजीकरण एवं सत्यापन में मदद किया जाये, किसानों को अवगत कराया जाये कि 100 कुं० गेहूँ की मात्रा का सत्यापन की आवश्यकता नहीं है, किसानों को यथासम्भव 01 दिन पूर्व ही सूचित कर दिया जाये कि वे केन्द्र पर गेहूँ विक्रय हेतु ला सकते हैं, केन्द्र पर सदैव पर्याप्त संख्या में बोरे उपलब्ध रहें, जिससे   कृषक को वापस न जाना पड़े, क्रय केन्द्र पर पर्याप्त श्रमिकों की व्यवस्था हो, विक्रय करने हेतु आने वाले कृषकों के लिए छायादार बैठने की व्यवस्था हो, किसानों का गेहूँ वर्षा से बचाने के लिए तिरपाल की व्यवस्था हो, केन्द्र पर महिला/दिव्यांग/वृद्ध कृषक के आने पर उसे तौल में वरीयता दी जाये, केन्द्र प्रभारी की वेश भूषा मर्यादित औपचारिक होनी चाहिए। रवी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूँ खरीद हेतु स्थापित क्रय केन्द्र पर केन्द्र प्रभारियों द्वारा न किये जाने वाले (क्वदजश्े) कार्य- किसानों से किसी प्रकार की अनुचित मांग न की जाये, केन्द्र एवं उसके आस-पास से बिचौलियों को दूर रखा जाये, गेहूँ विक्रय हेतु कृषक को अनावश्यक प्रतीक्षा न करायी जाये, ठेकेदार / प्रतिनिधि / श्रमिक कृषकों के साथ किसी प्रकार का अप्रिय व्यवहार न करें, तौल करने वाले श्रमिकों द्वारा किसी प्रकार की कटौती न की जाये, किसानों के गेहूँ की तौलमें घटतौली न की जाये, गेहूँ रिजेक्ट न किया जाये। अपवाद स्वरूप यदि गेहूँ मानक के अनुसार नहीं है और साफ-सफाई के पड़े तो किसान के समक्ष गुणवत्ता निर्धारण की प्रक्रिया दिखाते हुए रिजेक्ट उपरान्त भी रिजेक्ट करना किया जाये, गेहूँ विक्रय होने के तत्काल बाद केन्द्र प्रभारी को किसान को उसके विक्रय किये गए, गेहूँ की प्राप्ति रसीद देने से मना नहीं करना चाहिए बल्कि हस्ताक्षर सहित कृषक को तत्काल दे दी जाये, कृषकों के पंजीकरण प्रपत्र आदि देखकर यदि कोई कमी हो तो उसे वापस न किया जाये बल्कि कृषक को अवगत कराते हुए तत्परता से समस्या का समाधान कराया जाये, यदि क्रय केन्द्र पर कोई ऐसा कृषक उपस्थित होता है, जिसका पंजीकरण नहीं है तो उसे वापस न किया जाये और केन्द्र पर ही पंजीकरण करते हुए तौल करायी जाये।

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