शिवकुमार
गाजीपुर। जिले के पिछड़े क्षेत्र सादात के सैनिक और किसान परिवार के बेटे डा. विजय यादव ने जिले का नाम पूरे देश में रौशन किया है। हिंदुस्तान टाइम्स समूह के हिंदुस्तान सामाचार पत्र ने विदेशी धरती पर पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में रोजगारपरख शिक्षा का अलख जगाने के लिए हॉगकॉग और मकाऊ में आयोजित सेमिनार में डा. विजय यादव को हिंदुस्तान आईकॉन सम्मान से सम्मानित किया। यह सम्मान हिंदुस्तान के प्रधान सम्पादक शशि शेखर त्रिपाठी ने प्रदान किया। डा. विजय यादव जन्म सादात में एक किसान परिवार में हुआ था। डा. विजय यादव के पिताजी सैनिक थे जो रिटायरमेंट के बाद खेतीबारी करते थे। डा. विजय यादव की शिक्षा सादात में हुई। पढा़ई-लिखाई के दौरान डा. विजय यादव ने यह महसूस किया कि क्षेत्र में तकनीकी और रोजगारपरख शिक्षण संस्थाओं का अभाव है इसीलिए इस क्षेत्र के बच्चे समय के साथ आगे नही बढ़ पा रहे हैं। सामान्य परिवार से होने के बावजूद भी विजय यादव ने मन में एक संकल्प लेकर 2004 में पालिटेक्निक, बीएड और बीटीसी आदि शिक्षण संस्थाओं की धीरे-धीरे स्थापना की। कठिनाइयों और समस्याओं से जूझते हुए उन्होने 21 वर्ष के लंबे सफर में एक शिक्षा का वटवृक्ष श्रीकृष्ण सुदामा आफ इंस्टीट्यूशंस कैथी, और सादात में सथापित किया। जिसमे तकनीकी, नर्सिंग, बीएमएस, कानून, बीएड, बीटीसी, आदि संस्थाओं के हजारों बच्चे पढ़ कर आज देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। डा. विजय यादव ने बताया कि हमारा संस्थान पिछड़े क्षेत्र में हैं। हम चाहते हैं कि आर्थिक अभाव से कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाये। हम हर संभव सहायता देकर प्रतिभावान गरीब बच्चों को पढ़ाकर आगे बढ़ाते हैं। हमारे विदेशी दौरे का उद्देश्य था कि हमारे शिक्षण संस्थान के बच्चे विदेश जाकर इंटरशिप करें और विदेशी बच्चे काशी आकर भारतीय संस्कृति से रुबरु हों और इंटरशिप करें। हमने अपने विदेशी दौरे के दौरान कई यूनिवर्सिटियों का दौरान किया और वहां के शिक्षा-दीक्षा से अवगत भी हुये। हम अपने भारतीय संस्कृति के साथ विदेशी शिक्षा के अनुभवों का तालमेल कर बच्चों का भविष्य बेहतर बनाना चाहते हैं ताकि हमारे बच्चे ग्लोबल मार्केट का सामना कर सकें।