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भंडारित अरहर के बीजों की फफूंद से सुरक्षा कर सकते है नीम, नीलगिरी और तुलसी में पाए जाने वाले वाष्पशील कार्बनिक यौगिक- अमरजीत सिंह

गाजीपुर। पी०जी० कालेज गाजीपुर में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। उक्त संगोष्ठी में विज्ञान संकाय के अन्तर्गत वनस्पति विज्ञान  विषय के शोधार्थी अमरजीत सिंह  ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक “स्टडीज ऑन वोलेटाइल एक्टिविटी ऑफ सम हायर प्लांट्स अगेंस्ट फंगल डिटीरिओरेशन ऑफ पिजन पी (कजनस कजान एल.) ड्यूरिंग स्टोरेज” नामक विषय पर शोध प्रबंध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रस्तुत शोध प्रबंध में  भंडारण के समय अरहर के बीजों को नुकसान पहुंचाने वाले कवकों के विरुद्ध विभिन्न उच्च पौधो जैसे नीम (एजाडिराच्टा इंडिका), नीलगिरी (यूकेलिप्टस ग्लोबुलस) और पवित्र तुलसी (ओसीमम सैंक्टम) आदि में उपस्थित वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों द्वारा होने वाले प्रभाव का अध्ययन किया गया है और पाया गया कि इनमें पाए जाने वाले वाष्पशील कार्बनिक यौगिक प्रभावी रूप से अरहर के बीजों में फफूंदी की वृद्धि और विकास को कम या समाप्त करने की क्षमता पाई गई है। यह भी पाया गया है कि इन उच्च पौधों में पाए जाने वाष्पशील पदार्थों के भंडारण के दौरान अरहर के बीजों की गुणवत्ता, अंकुरण क्षमता और पोषण को संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, क्योकि भंडारित दालों में फफूंद संदूषण एक गंभीर चुनौती है, जिसके कारण अक्सर हानिकारक माइकोटॉक्सिन के उत्पादन के कारण बीज की व्यवहार्यता कम हो जाती है और पोषण संबंधी गिरावट हो जाती है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति व अनुसंधान एवं विकास  प्रकोष्ठ तथा प्राध्यापकों व शोध छात्र छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका  शोधार्थी ने संतुष्टि पूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात महाविद्यालय की विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सदस्यों तथा महाविद्यालय के प्राचार्य  प्रोफे०(डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबन्ध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान की। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय,  अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह, प्रोफे ०(डॉ) अरुण कुमार यादव, प्रोफे० (डॉ०)सुनीलकुमार, प्रोफे०(डॉ०)एस०डी०सिंह परिहार,  डॉ०रामदुलारे, डॉ० हरेंद्र सिंह शोध निर्देशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ० जे० के० राव, डॉ०इन्दीवर पाठक, प्रोफे०(डॉ०) रविशंकर सिंह, डॉ०प्रतिमा सिंह, प्रोफे०(डॉ०) सुनील कुमार, प्रोफे० एस० एन० सिंह, डॉ० अशोक कुमार, डॉ०संजय चतुर्वेदी, डॉ०अंजनी कुमार गौतम, राजीव रंजन, डॉ०संतोष सिंह, डॉ० त्रिनाथ मिश्र, डॉ०कमलेश, अमितेश सिंह एवं अन्य प्राध्यापक गण व छात्र छात्राएं  आदि उपस्थित रहे। अंत में डॉ० जे० के० राव ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ० जी० सिंह ने किया।

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