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नये साल के होर्डिंग्‍स के बहाने पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा ने सदर विधानसभा में ठोंकी दावेदारी

शिवकुमार

गाजीपुर। पूर्व विधायक व सपा नेता उमाशंकर कुशवाहा का नववर्ष की होर्डिंग की चर्चा राजनैतिक गलियारो में जोरो पर है। राजनैतिक पंडितो का कहना है कि पूर्व विधायक उमाशंकर कुशवाहा अपने नयें साल की होर्डिंग के जरिए सदर विधानसभा की दावेदारी ठोक रहें है। उमाशंकर कुशवाहा पहले पंचायत राज विभाग में सेक्रेटरी पद पर कार्यरत थे, सामाजिक होने के साथ-साथ राजनीति में भी गहरी रूचि रखते थे। बसपा के टिकट पर पहली बार सदर विधानसभा से 2002 में चुनाव लड़ें और विधायक चुने गये। इसके बाद बसपा ने उन्‍हे 2004 में लोकसभा  के चुनाव में टिकट दिया लेकिन उन्‍हे सफलता नही मिली। बसपा सरकार ने उन्‍हे उत्‍तर प्रदेश कोआप‍रेटिव यूनियन लिमिटेड लखनऊ का अध्‍यक्ष बनाया। 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर उमाशंकर कुशवाहा ने जमानियां विधानसभा में चुनाव लड़ा लेकिन सफलता नही मिली, अब उनका बसपा से मोहभंग हो गया और 2014 में सपा में चलें गये। सपा में कुछ साल रहने के बाद 2017 में बसपा मे वापस चलें गये। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा से भाजपा में चलें गये। भाजपा से फिर वापस सपा में चलें गये। 2022 के विधानसभा चुनाव में वह सपा के सदर विधानसभा के लिए टिकट मांग रहें थे इनकी पैरवी सांसद अफजाल अंसारी कर रहें थे लेकिन जैकिशन साहू पर पार्टी ने दांव लगाया और वह चुनाव जीतकर विधायक निर्वाचित हो गये। इधर राजनैतिक घटना चक्र बदला और सांसद अफजाल अंसारी भी बसपा का दामन छोड़ साइकिल पर सवार हो गये और सपा के टिकट पर 2024 में सांसद निर्वाचित हो गये। इस चुनाव में सांसद अफजाल अंसारी को जिताने के लिए उमाशंकर कुशवाहा ने हर संभव प्रयास किये। राजनैतिक गलियारो में चर्चा है कि उमाशंकर का कर्ज चुकाने के लिए सांसद अफजाल अंसारी अपने तरकश की हर बाजी खेलने के लिए तैयार हैं। जैसे-जैसे 2027 नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे उमाशंकर कुशवाहा अपनी राजनैतिक सक्रियता क्षेत्र में बढ़ा रहें है, नये साल के होर्डिंग्‍स में सांसद अफजाल असांरी और जिलाध्‍यक्ष गोपाल यादव के बाद जिले के किसी भी कद्दावर नेता की फोटो नही लगी है। जिसकी चर्चा जोरो पर है। राजनैतिक गलियारो में यह भी चर्चा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के प्रत्‍याशी राजेश कुशवाहा को भाजपा के प्रत्‍याशी डॉ. संगीता बलवंत ने 29 हजार मतों से पराजित किया था तो क्‍या सपा सुप्रीमो फिर से कुशवाहों पर दांव लगा सकते है।

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